नहीं आए प्रभुजी दिन एक रहा, राम भरत मिलन को देख भावविभौर हुए दर्शक
देहरादून में श्री आदर्श रामलीला सभा राजपुर की ओर से वीरगिरवाली में आयोजित किए जा रहे 72वें रामलीला महोत्सव में बुधवार 20 अक्टूबर की रात बिना किसी शोभायात्रा के श्रीराम की 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या में वापसी हुई। हर साल रावण वध के दूसरे दिन शहनशाही आश्रम से ढाकपट्टी तक शोभायात्रा निकाली जाती थी। इसके पश्चात ढाकपट्टी राजपुर में राम भरत मिलन की लीला का मंचन किया जाता था। यहां भी रामलीला स्टेज बनाया जाता है। इस साल शोभायात्रा नहीं निकाली गई, लेकिन राम भरत मिलाप का मंचन ढाकपट्टी बाजार में ही किया गया।
राम के इंतजार में भरत व्याकुल रहते हैं। गीत संगीत के माध्यम से उन्होंने हृदय की व्यथा को प्रदर्शित किया। वह कहते हैं- नहीं आए प्रभु जी दिन एक रहा, जो नहीं आए प्रभु जी प्राण तजूंगा, नाहक में माता ने उनको वन दे दिया। ऐसे मार्मिक भक्ति गीत को सुनकर दर्शक भी भावविभोर हो गए। वहीं गुरु वशिष्ठ ने भरत को बहुत समझाया कि प्रभु राम समय से वापस लौट आएंगे। श्री राम अपने वचन के पक्के हैं। कुछ ही क्षणों में रामदूत हनुमान के प्रवेश से भरत का अशांत मन को शांति मिली।
लीला में अतिथियों में समाजसेवी संजय खंडेलवाल, उमा शंकर गौतम, विश्वनाथ बजाज, रोशन लाल अग्रवाल, जितेंद्र कंबोज, संदीप कांबोज, रविराज, मेनपाल, युद्धवीर सिंह तोमर, अनुज तोमर, डा ताराचंद गुप्ता, सरदार तनवीर सिंह उपस्थित रहे। इन अतिथियों का श्री आदर्श रामलीला सभा के संरक्षक जयभगवान साहू, प्रधान योगेश अग्रवाल, मंत्री अजय गोयल, उप प्रधानशिवदत अग्रवाल, संजीव कुमार गर्ग, भारत भूषण गर्ग, डायरेक्टर चरण सिंह ने अभिनन्दन एवं स्वागत किया गया। आज रात रामलीला के मुख्य मंच में श्रीराम का राज्याभिषेक होगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। साथ ही आगामी वर्ष की रामलीला कमेटी की कार्यकारिणी का चुनाव भी होगा।





