Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 24, 2025

मिलावटी प्रसाद को लेकर सियासत, नकली दवा पर चुप्पी क्यों, राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली कई कंपनियों के सैंपल फेल

चाहे सोशल मीडिया या फिर प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया। पिछले काफी समय से तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर सियासत की खबरें इनमें हर दिन मिल जाएंगी। प्रसाद में गाय और सुअर की चर्बी की खबर से किसी का खून खौल रहा है तो कोई इसे लेकर दूसरे पर दोष मढ़ रहा है। अब सवाल ये हा कि मिलावट कहां नहीं हो रही है। सब्जी, दाल, मसाले, दूध, घी में मिलावट की खबरें तो आएदिन सामने आती रही हैं, लेकिन यदि दवाओं में मिलावट मिलती है तो समझ लो कि हर व्यक्ति की जान जोखिम में है। यदि हम मिलावटी प्रसाद नहीं खाएंगे तो काम चल जाएगा, लेकिन यदि मिलावटी दवा खाएंगे तो सीधे मौत ही हो जाएगी। हाल ही में ऐसी ही मिलावट दवाओं के सैंपलों में सामने आई। इनमें भी खांसी, जुमाम, बुखार आदि की दवाएं भी शामिल हैं, जिनके सैंपल फेल हो गए। खास बात ये है कि उन कई बड़ी नामी कंपनियों ने बीजेपी सहित अन्य राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बांड के जरिये चंदा दिया, जिनके सैंपल फेल हो गए। या फिर उनकी दवाओं में मिलावट पाई गई। सबसे पहले हम मंदिर के प्रसाद की जानकारी देंगे। फिर दवाओं के बार में अपनी रिपोर्ट देने का प्रयास करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तिरुपति मंदिर में लड्डू को लेकर मचा है बवाल
इन दिनों आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) को लेकर बवाल मचा हुआ है। प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले शुद्ध देशी घी में जानवरों की चर्बी की बात सामने आई है। इस मंदिर में हर दिन करोड़ो का चढ़ावा आता है और इतने पैसे आते हैं कि बेस्ट से बेस्ट क्वालिटी की चीजों से प्रसाद बनाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इतना सस्ता घी, कीमत सुनकर चौंक जाएंगे आप
एक किलो देशी घी को बनाने में कम से कम एक हजार रुपये के दूध की जरूरत पड़ती है। इसके बावजूद तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लिए जो देशी घी खरीदा जा रहा था, उसकी कीमत 320 रुपये बताई गई, जबकि एक किलो शुद्ध घी की कीमत 1200 रुपये से ज्यादा है। जब यह मामला सामने आया तो तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्डी ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा था कि मंदिर में हर दिन गाय के दूध का 60 किलो घी राजस्थान के फतेहपुर से खरीदा जाता रहा है। मंदिर में जो घी इस्तेमाल हुआ वह कथित तौर पर 320 रुपये प्रति किलो लिया गया। सुब्बाराव के अनुसार, जब वह अध्यक्ष थे तो घी 1667 रुपये प्रति किलो के हिसाब से लिया जाता था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम नायडू ने किया खुलासा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि लड्डू घटिया सामग्री से बनाया जाता था। नायडू ने यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की एक बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया था कि यहां तक ​​कि तिरुमला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया गया था। उन्होंने घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था। मुख्यमंत्री नायडू ने हालांकि कहा कि अब शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है। नायडू ने नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से जुड़ी लैब की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया। टीडीपी ने दावा किया कि लैब रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि लड्डू में मिलावट की गई थी। ये मामला सामने आने के बाद खलबली मच गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब दवाओं के बारे में भी जान लीजिए
हर तरफ प्रसाद और मिलावटी घी की बात तो हो रही है, लेकिन दवाओं की बात को लेकर एक बार खबर प्रकाशित करने के बाद मीडिया ने चुप्पी क्यों साध ली। कारण ये है कि इसमें उन्हें हिंदू और मुसलमान का एंगिल नहीं मिल रहा है। आप हैरान हो जाएंगे कि कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स, मधुमेह रोधी गोलियां और उच्च रक्तचाप की दवाइयों सहित 50 से अधिक दवाइयां भारत के औषधि नियामक द्वारा गुणवत्ता परीक्षण में विफल रही हैं। जिन कंपनियों की दवाइयां फेल हुई हैं, उनमें से कई ने राजनीतिक दलों को करोड़ों का चंदा बॉन्ड के माध्यम से दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में जो लोग बड़े स्तर पर Paracetamol, PAN-D, PANTOCID और TELMA-H जैसी ब्रांडेड दवाइयां खाते हैं, वो दवाइयां भी क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं। दरअसल, केंद्र सरकार की ड्रग रेगुलेट्री संस्था CDSCO ने ताजा रिपोर्ट जारी की है. ये रिपोर्ट दो भागों में प्रकाशित हुई, जिनमें पहली रिपोर्ट में 48 दवाइयों के नाम हैं और दूसरी रिपोर्ट में 5 दवाइयों के नाम हैं। ये दूसरी रिपोर्ट इसलिए अलग से जारी की गई है। क्योंकि इन दवाइयों को बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि इस संस्था ने जिस बैच की दवाइयों की जांच की, वो नकली हैं और इन कंपनियों ने इन दवाइयों को नहीं बनाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सरकार की नाक के नीचे चल रहा खेल
इससे ये पता चलता है कि सरकारों की नाक के नीचे बाज़ारों में ब्रांडेड दवाइयों के नाम से नकली दवाइयां भी बेची जा रही हैं। इनमें भी जिन पांच नकली पांच नकली दवाइयों का इस रिपोर्ट में पता चला है, उनमें पहली दवाई का नाम है Pantocid और ये Antacid की काफी मशहूर गोली है। जो पेट में गैस, जलन और Acidity होने पर खाई जाती है। भारत के लोग हर साल एसिडिटी की ढाई हज़ार करोड़ गोलियां खाते हैं। खुलासा हुआ है कि बाज़ार में Pantocid के नाम से नकली दवाइयां भी बेची जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये दवा भी निकली नकली
दूसरी नकली दवा Telma-H है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पर ये दवा खाई जाती है। ये दवाई हिमाचल प्रदेश की एक फार्मा कंपनी Glenmark (ग्लेन-मार्क) Pharmaceuticals बनाती है। Ursocol (उरसो-कोल) 300 नाम दवा को लिवर की बीमारी है पर खाया जाता है। ये दवा भी नकली निकली। इसके अलावा अस्थमा, गठिता और एलर्जी की समस्या की दवा Defcort 6 भी नकली निकली। भारत की मशहूर फार्मा कंपनी Sun Pharma द्वारा बनाई जाने वाली Pulmosil (पल्मो-सिल) दवाई भी नकली निकली। वहीं, इस कंपनी का कहना है कि जांच में जो दवाई फेल हुई है, वो उसके नाम से बनाई गई नकली दवाई हैं। जिन्हें बाज़ार में धोखे से बेचा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

असली ब्रांडेड दवाएं भी मानकों में फेल
इन पांच दवाइयों के अलावा 48 दवाइयां ऐसी भी हैं, जो नकली नहीं हैं, बल्कि असली ब्रांडेड दवाइयां हैं। और ये सारी दवाइयां क्वॉलिटी के मामले में फेल हो गई हैं। Paracetamol की दवाई Description में फेल हुई है, जिसका मतलब ये है कि इसे बनाने के लिए जिस Drug Salt का इस्तेमाल हुआ, उसमें मिलावट थी और इसमें दवाई के SALT का Combination सही नहीं था। जो फार्मा कंपनी इस दवाई को बनाती है, उसका नाम Karnataka Antibiotics and Pharmaceuticals लिमिटेड है। हैरानी की बात ये है कि ये प्राइवेट कंपनी नहीं है, बल्कि ये भारत सरकार की एक फार्मा कंपनी है। अगर भारत सरकार की कंपनी की दवाई ही टेस्ट में फेल हो जाए तो ये कितनी गंभीर बात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्वालिटी टेस्ट में फेल दवाएं
PAN-D एक Branded दवाई है, जिसे सिक्किम की एक फार्मा कंपनी Alkem (ऐल्केम) Health Science बनाती है। ये दवाई क्वॉलिटी टेस्ट में फेल हो गई है। इसके Drug Salt में मिलावट की पुष्टि हुई है। इस दवाई में Drug Salt का जो Combination तय मानकों के हिसाब से सही नहीं था। जिन लोगों को ‘हाई ब्लड प्रेशर’ की शिकायत पर ली जाने वाली Telmi Sartan नाम की दवाई भी क्वॉलिटी टेस्ट में फेल हो गई है। मरीजों को Dehydration के लिए ग्लूकोज़ की बोतलें चढ़ाई जाती हैं। इनमें एक इजेक्शन लगता है, जिसे RL 500 कहते हैं। ये असली इंजेक्शन भी इस जांच में फेल हो गया है। इसमें Calcium Chloride का Combination सही नहीं है।   खांसी, जुकाम, निमोनिया और दूसरे इंफेक्शन में खाई जाने वाली मशहूर दवाई Clavam (क्लेवैम) 625 भी टेस्ट में फेल हो गई है और इसे भी Alkem (ऐल्केम) Health Health Science नाम की कंपनी बनाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दवा कंपनियों ने दिया करोड़ों का चंदा, बीजेपी को मिली मोटी रकम
अब ये बताना भी जरूरी है कि जिन फार्मा कम्पनियों की असली दवाइयां Quality Test में फेल हुईं, उनमें से किस कंपनी ने किस राजनीतिक पार्टी को कितने करोड़ के चुनावी Bonds का चंदा दिया। इनमें सबसे बड़ी फार्मा कंपनी का नाम है, TORRENT PHARMACEUTICALS, जिसकी दो असली दवाइयां क्वॉलिटी टेस्ट में खराब निकली हैं। इसमें पहली दवाई का नाम है, Shelcal और दूसरी दवाई का नाम Montair LC है। इस फार्मा कंपनी ने 77 करोड़ 50 लाख रुपये के चुनावी Bonds खरीदे थे। इनमें से 61 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS बीजेपी को, पांच करोड़ के चुनावी BONDS कांग्रेस पार्टी को और 3 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS समाजवादी पार्टी को और एक करोड़ रुपये के चुनावी BONDS आम आदमी पार्टी को भी दिए थे।

इन कंपनियों ने भी दिया चंदा
फार्मा कंपनी ALKEM (ऐल्केम) Health Science PAN-D दवाई बनाती है और इसने भी बीजेपी को 15 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS दिए थे। फार्मा कंपनी हेटरो Labs Limited ने 25 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS खरीदे थे। इनमें से 20 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की पार्टी को मिले थे और पांच करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बीजेपी को मिले थे। SUN फार्मा और इस कंपनी ने बीजेपी को साढ़े 31 करोड़ रुपये के चुनावी BONDS खरीदकर चंदा दिया था। हालांकि SUN फार्मा और TORRENT फार्मा कंपनी ने कहा कि जिन दवाइयों में मिलावट मिली हैं, वो नकली हैं और इन्हें इन कम्पनियों ने नहीं बनाया है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Оцените нашу коллекцию лайфхаков, советов по кулинарии и полезных статей о садоводстве! Узнайте о том, как улучшить свою повседневную жизнь, научиться готовить вкусные блюда и выращивать здоровые овощи прямо в своем саду. Наши статьи помогут вам стать настоящим мастером дома и сада! Česnov kruh s sirom: recept za dišečo Čudoviti Bučke v paradižniku: Ali sta mačka pozabila svojo mamo in ali Neznanih 5 razlogov za redno Pet skrivnosti, ki bodo moške zadržale ob takšnih ženskah: Kako pripraviti 8 priročnih, okusnih in Križnice na redkvicah: kako Добро дошли на наш вебсајт за животне блок (Lifehack), кулинарију и корисне чланке о вртларству! Овде ћете наћи многе корисне савете, трикове и рецепте за унапређење вашег свакодневног живота. Наши статије покривају различите теме, укључујући уметност кувања, органичко гајење, здраве навике и многе друге. Запратите нас да бисте били у току са најновијим саветима и триковима за усавршавање свог живота!