बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने किया प्रदर्शन
उत्तराखंड में बिजली की दरों में बार बार वृद्धि के खिलाफ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने देहरादून में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इस मौके पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है। यहां बिजली के बिलों में निरंतर वृद्धि कर उपभोक्ताओं का सोशण किया जा रहा है। गत तीन चार महीने में फ्यूल एवं परचेजिंग के नाम से पहले ही हर माह 21 पैसे से लेकर 36 पैसे से प्रति यूनिट अतिरिक्त लिया जा चुका है। समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए बनाया गया विद्युत नियामक आयोग की भूमिका काफी समय से उपभोक्ताओं के खिलाफ रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब मीडिया में प्रकाशित खबरों में कहा जा रहा है कि जनवरी माह में ऊर्जा निगम विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 23 से 55 पैसे वृद्धि की जानी है। यदि मूल्यवृद्धि हर माह होगी तब उपभोक्ताओं को नियामक आयोग जैसी स्वायत्त संस्था की उपभोक्ताओं को आवश्यकता नहीं रहेगी। वहीं, नियामक आयोग एवं ऊर्जा निगम करोड़ों रूपये के बकायेदारों पर चुप्पी साधे हुऐ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन देने वालों में सीपीआई के नेता समर भण्डारी, सीपीएम के नेता अनन्त आकाश, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के नेता नवनीत गुंसाई, इफ्टा के हरिओम पाली, नेताजी संघर्ष समिति के प्रभात डण्डरियाल आदि शामिल थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।