बीजेपी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका, कल सूर्यकांत धस्माना करेंगे उपवास

संसद परिसर में हुए कांग्रेस और बीजेपी के बीच का विवाद अब देश भर में फैलता जा रहा है। भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर राज्यसभा में गृह मंत्री की टिप्पणी और उसके बाद उपजे विवाद के बाद कांग्रेस ने अब बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कनक चौक में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही केंद्र की भाजपा सरकार का पुतला फूंका। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में कांग्रेस भवन से कार्यकर्ता जुलूस की शक्ल में कनक चौक पर पहुंचे और यहां गृहमंत्री और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। इस प्रदर्शन में महानगर कांग्रेस के साथ ही महिला कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हुए। इसके बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कनक चौक से भाजपा महानगर कार्यालय की तरफ बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि भाजपा खुले रूप से तानाशाही पर उतर आई है। पहले अडानी मामले पर प्रधानमंत्री के घिरने पर उन्होंने इतनी उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र यानी संसद में पचास हजार रुपये की गड्डी रखवा दी और आरोप कांग्रेस सांसद पर लगा दिया। इसके बावजूद कोई सबूत या सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा अब गृह मंत्री अमित शाह के बाबासाहब पर अपमानजनक बयान पर घिरे तो बीजेपी ने ध्यान बंटाने के लिए संसद परिसर में धक्कामुक्की की नौटंकी की। इस घटना का भी कोई सबूत नहीं है। ना ही कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाया जा रहा है। यह केवल गृहमंत्री में बयान से ध्यान हटाने का स्तरहीन प्रयास है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि खुद भाजपा के सांसदों ने एक सुनियोजित पटकथा के तहत विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को सदन में प्रवेश नहीं करने दिया। उनका रास्ता रोका और धक्कामुक्की की। राहुल गांधी को धक्का दे रहे सांसद को जब उन्होंने हटाया तो सब कहानी उल्टी फैलाई जा रही है। ताकि अमित शाह के बयान पर सदन में चर्चा न हो सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेस न तो बाबासाहब के खिलाफ गृहमंत्री के बयान मामले में भाजपा को बचने का रास्ता देगी। ना ही राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दायर होने से दबाव में आने वाली है। कांग्रेस का जन्म ही संघर्ष के बीच और संघर्ष के लिए हुए है। आने वाले समय में यह मामले और जोरशोर से उठाए जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूरन सिंह रावत, विरेन्द्र पोखरियाल, प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल, ललित बद्री, अनूप कपूर, देवेंद्र सिंह, राजकुमार जयसवाल, आशा शर्मा डोबरियाल, नजमा खान, उर्मिला थापा, चंद्रकला नेगी, पायल, अनुराधा तिवारी, आदर्श सूद, सुरेश गुप्ता, अशोक कुमार, आलोक मेहता, पूनम कंडारी, सुनील थपलियाल, जगत, संजय भारती, वीरेंद्र पवार, निहाल, राजेश पुडीर, निधि नेगी, पुष्पा पवार, मीना रावत, सुशील शर्मा, राधिका, नीलम रावत आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना करेंगे उपवास
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इस मुद्दे पर कल 21 दिसंबर को उपवास का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता आदरणीय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के प्रति घृणा तिरस्कार व अपमान का भाव प्रकट करने वालों के विरुद्ध वह कल 21 दिसंबर 2024 को प्रातः 11 बजे से 12.30 बजे तक साथियों के साथ घंटाघर स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा के समक्ष उपवास पर बैठेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां से बढ़ा मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर बयान दिया था, जिसपर सियासी विवाद छिड़ गया था। इसी बयान के बाद कांग्रेस भड़क गई और फिर सियासी विवाद बढ़ता चला गया। यही नहीं, गुरुवार को संसद परिसर में जब कांग्रेसी सांसद प्रदर्शन कर रहे थे, तो उनके बीच डंडों पर पोस्टर लगाकर बीजेपी के सांसद भी पहुंच गए। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ धक्कामुक्की का आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस सांसदों का कहना है कि धक्कामुक्की के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गिर गए। उनके घुटने में चोट आई। वहीं, बीजेपी के दो सांसद भी चोटिल बताए गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं में रिपोर्ट लिखाई गई है। वहीं, कांग्रेस ने भी बेजेपी के खिलाफ तहरीर दी है। कांग्रेस का कहना है कि उनके सांसदों को संसद में प्रवेश द्वार पर बीजेपी के सांसद रोक रहे थे। साथ ही धमका रहे थे और धक्कामुक्की कर रहे थे। हालांकि, दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक ऐसी वीडियो फुटेज सामने नहीं आई, जिससे किसी पक्ष के आरोप पुख्ता साबित हो सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गृह मंत्री अमित शाह ने की थी ये टिप्पणी
मान्यवर अभी एक फैशन हो गया। अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर…अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अमित शाह के भाषण का इतना अंश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया है। इसके बाद बीजेपी ने वीडियो पोस्ट किया। इसमें उक्त बयान के आगे का भाषण भी दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसमें अमित शाह कहते हैं, अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं। अंबेडकर जी को देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों देना पड़ा। उन्होंने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं। सरकार की विदेश नीति और अनुच्छेद-370 से असहमत हूं। इसलिए वो छोड़ना चाहते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, अब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना लिया है। साथ ही अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने जो शुरुआती लाइन बोली, उससे गृह मंत्री ने ये दर्शा दिया कि वह बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति मन में कितनी घृणा रखते हैं। वहीं, दलित समाज के लोग भी इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि डॉ. अंबेडकर की वजह से ही नर्क से बदतर जीवन जी रहे गरीब, दलित, शोसित समाज के साथ ही महिलाओं का जीवन स्तर बदला है। इसलिए डॉ. अंबेडकर का स्थान उनके लिए भगवान से भी बढ़कर है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।