Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 27, 2025

कोर्ट में सबूत के तौर पर बम लेकर पहुंची पुलिस, हो गया धमाका, एक अधिकारी घायल

बिहार के पटना में एक अजीबोगरीब घटना हुई। यहां दीवानी अदालत परिसर में शुक्रवार को देसी बम में विस्फोट होने से अफरा तरफरी मच गई। इस विस्फोट से एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया।

बिहार के पटना में एक अजीबोगरीब घटना हुई। यहां दीवानी अदालत परिसर में शुक्रवार को देसी बम में विस्फोट होने से अफरा तरफरी मच गई। इस विस्फोट से एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया। बताया जा रहा है कि अदालत में सबूत के दौर पर पुलिस अधिकारी बम लेकर आया था। अमूमन अदालत में बम को सबूत के तौर पर लाने से पहले निष्क्रिय किया जाता है। यहां विस्फोट होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पीरबहोर थाने के प्रभारी (एसएचओ) सबी उल हक ने बताया कि उपनिरीक्षक की बांह में चोट आई है और वह खतरे से बाहर है। घटनास्थल इसी थाना क्षेत्र में आता है।
थानेदार ने बताया कि जख्मी उपनिरीक्षक उमाकांत राय कदम कुआं थाने में तैनात हैं। उनके क्षेत्र में हाल में कुछ देसी बम जब्त किए गए थे और वह उन्हें सामान्य जांच प्रक्रिया के तहत अदालत लेकर लाए थे। राय ने एक डिब्बे में बम रखे हुए थे, जो उन्होंने सहायक अभियोजन अधिकारी के समक्ष रखे। तभी उसमें विस्फोट हो गया।
विस्फोट के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कमरे में एक और बक्सा रखा गया था, जिससे कोर्ट रूम के अंदर दहशत फैल गई। हालात ने नाटकीय मोड़ तब लिया जब पटना पुलिस की बम निरोधक इकाई ने कहा कि वे बम को निष्क्रिय नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बम को सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय करने के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की एक टीम की जरूरत होगी। नियमों के मुताबिक सबूत के तौर पर कोर्ट में लाए गए किसी भी विस्फोटक को पहले डिफ्यूज करना होता है।
राहगीरों ने कहा कि शुरुआत में लगा कि विस्फोट टायर फटने की वजह से हुआ है जो इलाके में आम बात है। मगर उन्होंने जब राय को जख्मी हालत में देखा तो उन्हें पता चला कि क्या हुआ है। पीरबहोर थाने के प्रभारी हक ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या बम को अदालत लाने से पहले ठीक तरह से निष्क्रिय किया गया था या नहीं।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *