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August 25, 2025

त्रिपुरा में दो महिला पत्रकारों को पुलिस ने लिया हिरासत में, जमानत पर रिहा

त्रिपुरा में विश्व हिंदू परिषद के एक समर्थक की शिकायत के बाद दो महिला पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।

त्रिपुरा में विश्व हिंदू परिषद के एक समर्थक की शिकायत के बाद दो महिला पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। समृद्धि सकुनिया और स्वर्ण झा ने कहा कि वे त्रिपुरा में हुई हालिया हिंसा को कवर कर रही थीं। समृद्धि सकुनिया ने ट्वीट किया कि उन्हें असम के करीमगंज के नीलमबाजार पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि गोमती जिले के एसपी के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया है। वहीं, त्रिपुरा पुलिस ने कहा कि समृद्धि सकुनिया के ट्वीट के आधार पर केस दर्ज किया गया है। ट्वीट में एक निजी घर के प्रार्थना कक्ष को अधजली हालत में दिखाया गया है। इसमें कुरान को जलाने का भी दावा किया गया है। उधर, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए ट्वीट किया कि पत्रकारों की तत्काल रिहाई होनी चाहिए और उनके यात्रा करने की स्वतंत्रता की बहाली होनी चाहिए। वहीं, सोमवार को दोनों को कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
पिछले हफ्ते, सोशल मीडिया पर ट्वीट कर आरोप लगाया गया था कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा एक रैली के दौरान त्रिपुरा में एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि रिपोर्ट फर्जी और तथ्यों की पूरी तरह से गलत बयानी है। मंत्रालय ने कहा कि काकराबन के दरगाबाजार इलाके की मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ है। फर्जी खबरों के बाद महाराष्ट्र में विरोध और हिंसा की खबरें आई हैं।
पुलिस के मुताबिक उन्हें धार्मिक दस्तावेज जलाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला था। पत्रकारों को पूछताछ के लिए अगरतला आने के लिए कहा गया था। राज्य छोड़ने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। इन महिला पत्रकारों ने कहा कि पुलिस ने उनसे मुलाकात की और उन्हें “डराने” की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उन्हें होटल छोड़कर अगरतला नहीं जाने दिया गया।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस की एक टीम ने पत्रकारों को “नोटिस दिया” और उन्हें 21 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा। सूत्रों ने यह भी कहा कि उनसे फर्जी समाचार प्रसार मामले में पूछताछ की जा सकती है। एक आधिकारिक बयान में, एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क (जहां महिलाएं काम करती हैं) ने कहा कि पुलिस ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। इसके बावजूद भी उन्हें हिरासत में ले लिया गया। यह त्रिपुरा पुलिस का प्रेस के प्रति सरासर उत्पीड़न भरा और प्रेस को टारगेट करने वाला रवैया है।
त्रिपुरा पुलिस ने फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब से उन सौ से अधिक खातों का ब्योरा देने को कहा, जिनसे पोस्ट को कथित तौर पर साझा किया गया था। त्रिपुरा पुलिस ने पोस्ट पर कार्रवाई करते हुए 71 लोगों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील, एक्टिविस्ट और धार्मिक प्रचारक भी शामिल हैं।
कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के दिए आदेश
दोनों महिला जर्नलिस्‍ट को गोमती जिला सीजेएल ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। राज्‍य में हालिया सांप्रदायिक घटनाओं पर रिपोर्ट लिखने के लिए त्रिपुरा आई दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने रविवार को असम-त्रिपुरा सीमा के करीब करीमगंज के नीलम बाजार में हिरासत में ले लिया था। दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की थी। ‘एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क’ की पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्ण झा को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक समर्थक की शिकायत के आधार पर रविवार को त्रिपुरा के फातिक्रोय थाने में दर्ज एक प्राथमिकी में नामजद किया गया था। आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपनी खबरों के जरिए त्रिपुरा की छवि खराब की है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) और इंडियन वुमेन प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) ने असम पुलिस द्वारा दो महिला पत्रकारों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की थी।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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