तेलंगाना में पेपर लीक मामले में पुलिस ने बीजेपी सांसद को किया गिरफ्तार, सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता, उत्तराखंड में दो नेता हो चुके हैं गिरफ्तार
तेलंगाना में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार को एसएससी हिंदी परीक्षा का पर्चा कथित तौर पर लीक होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की यात्रा से पहले करीमनगर में उनके आवास से हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटों बाद की गई। इसके विरोध में बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं। उत्तराखंड में भी विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में दो बीजेपी नेता गिरफ्तार हो चुके हैं। हालांकि, बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बंदी संजय कुमार पर लगे आरोप
वारंगल में मंगलवार, चार अप्रैल को हिंदी परीक्षा के लिए एसएससी (सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट) का पर्चा परीक्षा शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद कथित तौर पर लीक हो गया था। एक दिन पहले 3 अप्रैल को एसएससी के एक अन्य विषय का पर्चा भी कथित तौर पर लीक हो गया था। पुलिस के मुताबिक, परीक्षा शुरू होने के बाद हिंदी का पेपर लीक हो गया था और इसकी तस्वीरें पूर्व पत्रकार और बीजेपी कार्यकर्ता बूराम प्रशांत ने सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। मामले के मुख्य आरोपी के बीजेपी से संबंध होने के कारण पुलिस ने बंदी संजय को हिरासत में ले लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परीक्षा शुरू होते ही राज्यभर के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया पर्चा
इससे पहले, बीजेपी प्रमुख को पुलिस द्वारा मेडिकल जांच के लिए पलकुर्थी के एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया। कक्षा 10 की हिंदी की परीक्षा मंगलवार सुबह 9.30 बजे शुरू हुई और सुबह 10 बजे तक पर्चे की तस्वीरें पहले वारंगल जिले और फिर पूरे राज्य में व्हाट्सएप ग्रुपों पर भेजी गईं। पुलिस के अनुसार, उन्होंने हनमकोंडा के कमलापुर में एक परीक्षा केंद्र में पेपर लीक का पता लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जांच के दौरान, ड्राइवर मौतम शिव गणेश, पूर्व पत्रकार और वर्तमान में बीजेपी कार्यकर्ता बूराम प्रशांत और 16 वर्षीय लड़के के रूप में पहचाने गए। तीन लोगों को कमलापुर पुलिस ने पकड़ा और तेलंगाना की धारा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि उनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में वर्तमान में केएमसी, वारंगल में लैब टेक्निशियन के रूप में काम कर रहा जी. महेश एक और आरोपी है। उसे गिरफ्तार किया जाना बाकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस का कहना है कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि हिंदी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। एक पूर्व पत्रकार ने परीक्षा के पेपर की पहली फोटो भेजी थी। सुबह 10.47 बजे जब परीक्षा सुबह 9.30 बजे शुरू हुई। लगभग एक घंटे 15 मिनट के बाद, पेपर आउट हो गया। कई व्हाट्सएप फॉरवर्ड कर रहे थे कि पेपर कई केंद्रों पर लीक हो गए थे। हम उसी का सत्यापन कर रहे हैं और जांच चल रही है। स्थानीय पुलिस और साइबर अपराध अपना काम कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वारंगल जिला शिक्षा अधिकारी, वसंती ने कहा कि इस मुद्दे को कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया है और जांच चल रही है। अधिकारी ने कहा, निश्चित रूप से कोई चूक हुई है, जिसके कारण कोई फोन अंदर ले गया। हम जांच और निगरानी कड़ी कर रहे हैं। हमें इस पर गौर करना होगा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोपी ने एक संदेश साझा किया था, जिसमें कहा गया था कि पेपर सुबह 9.30 बजे तक लीक हो गया था, लेकिन तस्वीरें बहुत बाद में ली गईं। ऐसा दिखाने के इरादे से किया गया था। परीक्षा अच्छी तरह से आयोजित नहीं की जा रही है। बंदी संजय कुमार की नजरबंदी के विरोध में बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता एकत्र हुए और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ नारे भी लगाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह सामने आए परीक्षा घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 44 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता हाकम सिंह भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इन परीक्षाओं को भी निरस्त कर दिया गया है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पेपर लीक व नकल के कारण अब तक कई भर्ती परीक्षाएं निरस्त की जा चुकी हैं। जिसमें जेई, एई लेखपाल परीक्षा, पीसीएस मुख्य परीक्षा, वन आरक्षी और सहायक लेखाकार परीक्षा शामिल है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।