अब तेलकड़े हुए गायब, बकरी चोर हुए पैदा, 18 बकरियां पुलिस ने की बरामद

बचपन में हमने तेल कड़े का नाम सुना था। घरों में बच्चों को डराया जाता था कि अकेले मत जाना रास्ते में तेलकड़ा मिल जाएगा। तेल कड़ा शीशा चमकाता है। फिर बच्चा उसका गुलाम बन जाता है। उसके पीछे चलता है। वह दूर जंगल में लेजाकर बच्चे को पेड़ पर लटकाता है। नीचे आग जलाता है और उसके सिर से तेल निकालता है। ये शायद इसलिए कहा जाता था कि बच्चे शैतानी न करें। सीधे घर से स्कूल और स्कूल से घर आएं। फिर भी ऐसे व्यक्ति के प्रति बच्चों में भय रहता था।
इसी तरह चोरों के प्रति भी डराया जाता था। घर में चाहे फूटी कौड़ी भी न हो, लेकिन चोरों का भय रहता है। ग्रामीण क्षेत्र में तो चोरी का तरीका भी अनोखा है। कहीं खेत में खड़ी फसल चोरी कर ली जाती है। तो कहीं ग्रामीण की पूंजी उसके मवेशी ही चोरी चले जाते हैं। सहसपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने मवेशी चोर तो नहीं पकड़ा, लेकिन ने उस व्यक्ति को पकड़ा जो चोरी की बकरियां खरीदता था। उसके पास से चोरी की 18 बकरियां भी बरामद की गई।
पुलिस के मुताबिक विकासनगर, सहसपुर, सेलाकुई आदि क्षेत्र में बकरियां चोरी की सूचना निरंतर मिल रही थी। इस पर चोरी वाले स्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। पता चला कि चोर सफेद रंग की मारूती कार को बकरी चोरी के लिए इस्तेमाल करता है। साथ ही पुलिस को जानकारी मिली कि सहारनपुर के बेहट में रहने वाला राकिब नाम का व्यक्ति बकरी चोरी करके सेवला कला चंद्रमणि निवासी शादाब को बेचता है। उसकी दून चिकन शाप के नाम से मटन की दुकान है। यहीं चोरी की बकरियों को ठिकाने लगाया जाता है।
इस सूचना पर पुलिस टीम सेवला कला गआ और दून चिकन शाप सो शादाब पुत्र रफीक अहमद निवासी नजीवाबाद बिजनौर उत्तर प्रदेश हाल निवासी सेवला कला चन्द्रमणि पटेलनगर को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही से चोरी की 18 बकरियां बरामद की गई। बताया जा रहा है कि उक्त बकरियां चरण सिंह पुत्र गुरूमैल सिंह व रोहित पाल निवासी शंकरपुर की थीं। आरोपी के पास से 540,000 की रकम भी बरामद की गई।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।