युवा कवयित्री अंजली चन्द की कविता-ना निकलेंगी कभी रात में बाहर
ना निकलेंगी कभी रात में बाहर,
दो प्रमाण दिन के उजाले में सुरक्षित हैं स्त्री,
जागरूकता और सम्मान ही स्त्री सशक्तिकरण है
आधुनिकता के परिधान जीन्स टॉप त्याग देगी,
दो प्रमाण घूंघट के लिबास मे सुरक्षित है स्त्री,
ना प्रेमी संग करेगी पलायन,
दो प्रमाण दहेज प्रथा से नहीं होगी प्रताड़ित स्त्री,
शिक्षा दो हक नहीं, सम्मान दो गंदी नजर नहीं,
हक लेना और गंदी नजर से बचना सब जाने है स्त्री,
परिवार के कुल को जन्म दे,
देवी समान है हर स्त्री,
शक्तियों की शक्ति है,
समानता की दौड़ मे खुद को अबला असहाय ना समझ ऐ स्त्री,
पानी है शिक्षा पाना है सम्मान लिंग नहीं मानव के आधार पर,
फैलानी है जागरूकता, चाहती समानता है हर स्त्री,
कवयित्री का परिचय
नाम – अंजली चन्द
निवासी – बिरिया मझौला, खटीमा, जिला उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।
लेखिका uksssc /ukpsc की तैयारी कर रही हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।