युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-अपनी सहूलियत के हिसाब से हर शख्स अपना किरदार रखता है

उड़ते परिंदो के लिए कोई बंदूक तो कोई पानी रखता है।
किसी को मोहब्बत के किस्सों पर यकीन नही…
तो कोई मोहब्बत को खुदा के आगे रखता है।
परिस्थितियों ने जिसको जिस हाल में ढाला है..
इंसान उसी हाल में जीने की कला रखता है।
कुछ बच्चे पकड़ते हैं हाथ में खेलने को खिलौना..
तो कोई बेचने को साथ खिलौने रखता है।
जिसका कल जिस हाल में बिता हो..
वो आने वाले वाले कल के लिए वही ख्याल रखता है।
अच्छा बुरा जो भी हो…
फिर वो हर सख्श को उसी तकाज़े पर रखता है।
कवयित्री का परिचय
नाम-प्रीति चौहान
निवास-जाखन कैनाल रोड देहरादून, उत्तराखंड
छात्रा- बीए (तृतीय वर्ष) एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून उत्तराखंड।