Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 11, 2025

युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-अपनी सहूलियत के हिसाब से हर शख्स अपना किरदार रखता है

युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता-अपनी सहूलियत के हिसाब से हर शख्स अपना किरदार रखता है।

अपनी सहूलियत के हिसाब से हर शख्स अपना किरदार रखता है..
उड़ते परिंदो के लिए कोई बंदूक तो कोई पानी रखता है।

किसी को मोहब्बत के किस्सों पर यकीन नही…
तो कोई मोहब्बत को खुदा के आगे रखता है।

परिस्थितियों ने जिसको जिस हाल में ढाला है..
इंसान उसी हाल में जीने की कला रखता है।

कुछ बच्चे पकड़ते हैं हाथ में खेलने को खिलौना..
तो कोई बेचने को साथ खिलौने रखता है।

जिसका कल जिस हाल में बिता हो..
वो आने वाले वाले कल के लिए वही ख्याल रखता है।

अच्छा बुरा जो भी हो…
फिर वो हर सख्श को उसी तकाज़े पर रखता है।

कवयित्री का परिचय
नाम-प्रीति चौहान
निवास-जाखन कैनाल रोड देहरादून, उत्तराखंड
छात्रा- बीए (तृतीय वर्ष) एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *