रुद्रप्रयाग के कवि कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता-एक बार तुम फिर से जागो

एक बार तुम फिर से जागो
एक बार तुम फिर से जागो,
प्रेम की गंगा पुनः बहाओ,
दूसरों के लिये रोड़े न बनो,
सत्य और नीति पर चलो,
सबसे स्नेह बनाये रखो,
जीवन को संघर्षशील बनाओ,
ममता ,स्नेह का पाठ पढाओ,
एक बार तुम फिर से जागो।
धैर्य को तुम त्याग न करो,
सहनशीलता कभी न छोड़ना,
सजगता तुम अपनाये रखना,
व्यवहार में बनावटी पन ना लाना,
क्रोध पर अपना नियन्त्रण रखना,
सबको मित्र बना कर रखना,
अपना जीव एक बार तुम फिर से जागो
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
एक बार फिर जागो सुन्दर रचना????