रुद्रप्रयाग के कवि कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता- पुस्तकें हमारी धरोहर होती है
पुस्तकें हमारी धरोहर होती हैपुस्तकें हमारी सच्चे मित्र होती है
पुस्तकें इतिहास को बताती है
पुस्तक पढ़ने से ज्ञान में वृद्धि होती है
पुस्तकें हमारी धरोहर होती है।
पुस्तकें जीवन को शक्ति देती है
पुस्तक पढ़ने से भक्ति मिलती है
पुस्तकें रत्न का भंडार होती है
पुस्तकें अन्तकरण को सजाती है।
पुस्तकें ही हमारे सच्चे मित्र होती है
पुस्तकें संस्कृति का दर्पण होती है
पुस्तकें जीवन जीने की शिक्षा देती है
पुस्तकें व्यक्ति की नैया पार लगाती है।
पुस्तकें बिना डाट डपट के ज्ञान देती है
पुस्तकों में जीवन का सार होता है
पुस्तकें ही व्यक्ति का संसार होता है
पुस्तकों में गद्य व पद्य होता है।
पुस्तकों में जीवनियाँ होती है
पुस्तकों में कविताएं होती है
पुस्तकों में कहानियां होती है
पुस्तकों में ज्ञान का भंडार होता है।
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।





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