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June 18, 2025

पीएम मोदी ने पांच प्रण का किया जिक्र, परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर हमला, नहीं की कोई नई घोषणा, नीचे कि पंक्ति में लिया नेहरू का नाम

पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पांच प्रण और त्रिशक्ति का जिक्र किया। आजादी के 75वें वर्ष में पीएम नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने के वर्ष की रूपरेखा खींचते नजर आए। साथ ही वह आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक एजेंडा भी सेट करते नजर आए। वर्ष 2047 के भारत को विकसित भारत बनाने का मंत्र उन्होंने लाल किले से दिया। इस मौके पर उन्होंने पांच प्रण और त्रिशक्ति का जिक्र किया। पीएम मोदी ने एकता और एकजुटता का संदेश दिया। अपनी विरासत पर गर्व करने का संदेश दिया। अगले 25 साल को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से ध्यान देना होगा। पांच प्रण का जिक्र करते हुए कहा कहा कि देश अब बड़े संकल्प को लेकर चल रहा है। हमें विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चलना होगा। अपने संबोधन में पीएम ने किसी नई योजना की घोषणा नहीं की। पिछले स्वाधीनता दिवस में उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी। इसी तरह पीएम मोदी ने 2019 में पांच ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य रखा था। ये वादा भी पूरा नहीं हो पाया और ना ही किसानों की आय दुगनी हुई। पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार पीएम ने नई घोषणा से बचते नजर आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए बापू सहित कई नामों का जिक्र किया, लेकिन शुरू की पंक्ति में  पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र नहीं किया। साथ ही सरदार वल्लभभाई पटेल का भी उन्होंने नाम नहीं लिया। ये बात भी गौर करने लायक है कि आजादी के आंदोलन में पंडित नेहरू नौ बार जेल गए। इसमें वह सबसे कम 12 दिनों के लिए जेल में रहे और सबसे ज्यादा 1,041 दिनों तक जेल में रहे। वह कुल 3,259 दिन जेल में रहे थे। हालांकि, पहले कांग्रेस की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री वीर सावरकर का नाम नहीं लेते थे। इस बार पीएम नरेंद्र मोदी ने सावरकर का नाम लिया और नेहरू के साथ ही पटेल का नाम छोड़ दिया। जो परिपाटी कांग्रेस ने शुरू की थी, वह आज अब भी जारी है। पीएम ने बाद में नेहरू और पटेल के नाम का नीचे की पंक्तियों में जिक्र किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले हों या राष्ट्र का निर्माण करने वाले हों, ऐसे महापुरुषों के आगे नतमस्तक होने का वक्त है, चाहे वो डॉ राजेंद्र प्रसाद हों, नेहरू जी हों, सरदार पटेल हों, एसपी मुखर्जी हों, एलबी शास्त्री हों, दीनदयाल उपाध्याय हों, जेपी नारायण हों, राममनोहर लोहिया हों, विनोबा भावे हों, नानाजी देशमुख हों और सुब्रमण्यम भारती हों। यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और हमारे असंख्य क्रांतिकारियों का आभारी है जिन्होंने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद के साथ ही भ्रष्टाचार पर हमले किए। लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी राजघाट पहुंचे थे। वहीं उन्होंने बापू को श्रद्धांजलि दी। हर बार की तरह अपने संबोधन के बाद वह एनसीसी कैडेट्स और स्कूली छात्रों से भी मिले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर बोला हमला
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और ‘परिवारवाद’ या भाई-भतीजावाद। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, हमें इससे लड़ना है। हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिए, योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए ‘परिवारवाद’ के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आपका साथ चाहिए। आपसे भ्रष्टाचार से लड़ने की शक्ति चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा। बैंक लूटनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है। इस दो मुद्दों को लेकर उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव का एजेंडा भी सेट कर दिया। आगामी चुनाव तक ये दोनों मुद्दे बार बार उठते रहेंगे।

भाषा के बंधनों में बंधना गुलामी की मानसिकता
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। पीएम ने नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।

हर हाल में नारी का सम्मान जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि आज किसी न किसी कारण से हमारे अंदर विकृति आई है, हमारे बोल-चाल में, हमारे स्वभाव में, हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प लेते हैं। नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है, ये सामर्थ्य मैं देख रहा हूं।

दुनिया समस्याओं का समाधान खोज रही है भारत की धरती पर
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है।

पीएम मोदी ने लिए पांच प्रण
पीएम मोदी ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो पहला बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना। तीसरी प्रण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है- एकता और एकजुटता। पांचवां प्रण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है। आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आज़ादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा।

हमारा संकल्प है विकसित भारत
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा सबसे बड़ा संकल्प है विकसित भारत और इससे कम कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि 25 साल के भीतर विकसित भारत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं। सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।

मैं गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं गांधी के सपनों को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित किया है। उनके बताए रास्ते पर चलने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. मैं पहला व्यक्ति था, जिसे लाल किले से देशवासियों के गौरवगान करने का मौका मिला था।

ये हिंदुस्तान की मिट्टी है
लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि ये हिंदुस्तान की मिट्टी है। यहां हर भारत गर्व से भर जाता है जब वे भारत की महिलाओं की ताकत को याद करते हैं- चाहे वह रानी लक्ष्मीबाई हो, झलकारी बाई, चेन्नम्मा, बेगम हजरत महल।

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया
लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अम्बेडकर, वीर सावरकर के प्रति नागरिक आभारी हैं। कार्तव्य पथ ही उनका जीवन पथ रहा। पीएम मोदी ने कहा कि यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और ब्रिटिश शासन की नींव हिलाने वाले हमारे असंख्य क्रांतिकारियों का आभारी है। पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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