प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से पीएम मोदी ने किया संवाद, बालिका दिवस पर दून में पोस्टर प्रतियोगिता

पिछले साल के बाल पुरस्कार के विजेता, जिन्हें कोविड -19 महामारी के कारण समारोह को ऑनलाइन मोड में आयोजित करने के बाद सर्टिफिकेट नहीं मिल सका। उन्हें भी इस बार डिजिटल सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। बता दें पिछले साल 32 बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) विजेताओं के साथ बातचीत की।
पीएम नरेंद्र मोदी ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में बच्चों से वर्चुअली मुखातिब हुए। बच्चों के साथ उनके माता-पिता और संबंधित जिलों के डीएम भी मौजूद रहे। सरकार ने इस साल कुल 29 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022 के लिए चुना है। इस साल विजेताओं को ‘ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी’ का इस्तेमाल कर डिजिटल सर्टिफिकेट्स दिए गए। हर साल प्रधानमंत्री यह पुरस्कार पाने वाले बच्चों से नई दिल्ली में मिलते हैं, मगर कोविड-19 के चलते इस बार ऐसा नहीं हो सका।
मध्य प्रदेश के अवि शर्मा से बातचीत में पीएम मोदी ने पूछा कि आप तो लेखक हैं, बालमुखी रामायण लिखी है… आपका बचपन बचा है या खत्म हो गया? जवाब में शर्मा ने कहा कि उन्हें पौराणिक कथाओं से प्रेरणा मिलती है। शर्मा ने लॉकडाउन के दौरान टीवी पर रामायण का री-टेलीकास्ट कराने के लिए पीएम का धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती के बचपन का किस्सा सुनाया। 40-45 साल पहले, गुजरात में उमा व्याख्यान देने गई थीं। पीएम ने कहा कि मंच पर उन्हें देखकर मुझे लगा कि मध्य प्रदेश की जमीन में ही कुछ ऐसा है कि ऐसे-ऐसे लेाग तैयार हो जाते हैं।
देहरादून के अनुराग रमोला भी हुए सम्मानित
देहरादून में केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी के 11वीं कक्षा के छात्र अनुराग रमोला को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवार्ड से नवाजे गए। कला और संस्कृति में पेंटिंग के लिए अनुराग का नाम इस अवार्ड के लिए बीते वर्ष चयनित किया गया था, लेकिन कोरोना की वजह से इस वर्ष अवार्ड दिया जा रहा है। अनुराग के पिता चैत सिंह रमोला ने बताया कि रविवार को प्रधानमंत्री से संवाद करने से पहले आनलाइन उनकी रिहर्सल कराई गई। उन्होंने बताया महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से पुरस्कार के लिए उनको पत्र भेजा गया था।
पर्यावरण के खतरे को लेकर बनाई थी पेंटिंग
अनुराग ने पर्यावरण के खतरे को लेकर पेंटिंग बनाई थी। मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव एचसी सेमवाल को पत्र लिखकर अनुराग के चयन की जानकारी दी गई थी।
टिहरी गढ़वाल के रहने वाले हैं अनुराग
अनुराग मूल रूप से रमोला मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रतापनगर के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह परिवार के साथ देहरादून के चंदर नगर में रहते हैं। अनुराग के पिता चैत सिंह नगर निगम में कार्यरत हैं, जबकि मां सुनीता रमोला गृहणी हैं।
बालिका दिवस पर एनएसएस की पोस्टर प्रतियोगिता
आज देहरादून में श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज में बालिका दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस अवसर पर स्वयंसेवियों की ओर से बालिका दिवस मनाये जाने की प्रासंगिकता को पोस्टरों के माध्यम से ऑनलाइन प्रदर्शित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राज बहादुर ने स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा कि बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना होगा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनना होगा तभी देश में महिला शशक्तिकरण सम्भव होगा। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुपम सैनी ने लड़कियों को जीवन में सदैव प्रगति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया।
पोस्टर प्रतियोगिता में बीएससी पंचम सेमेस्टर की मुस्कान साहू ने प्रथम स्थान, बीए तृतीय सेमेस्टर की विनीता ने द्वितीय, बीएससी प्रथम सेमेस्टर की हिमांशी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य नियंता डॉ एचवी पंत ने सभी विजेताओं को बधाई दी और 26 जनवरी को पुरुस्कार वितरण की जानकारी दी।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।