अनुभवहीन लोगों के हाथों बागडोर थमाने से हुई उत्तराखंड की दुर्दशा
उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 20 साल पूरे होने पर आज उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में उत्तराखंड पूर्व सैनिक अर्द्ध सैनिक संयुक्त संगठन ने विचार गोष्ठी आयोजित की। इस दौरान उत्तराखंड की स्थिति को लेकर चिंतन और मनन किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि एवं पूर्व मंत्री लाखीराम जोशी ने कहा कि 20 साल में राज्य की दुर्दशा का कारण है कि अनुभवहीन लोगों के हाथों में राज्य की बागडोर सौंपना। हमने ऐसे लोगों के हाथों में राज्य की बागडोर थमाई, जो आज आज अभिशाप बनकर राज्य के लोगो के आगे शिक्षा, स्वास्थ्य की बदहाली के साथ साथ भस्मासुरी बेरोजगारी के रूप में खड़ी है।
उन्होंने कहा कि अब राज्य को पटरी में लाने के भरसक प्रयास जनता को करने होंगे। पूर्व सैनिक राज्य के गार्डियन के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। फिर से उन्ही तेवरों को अख्तियार करें, जो राज्य निर्माण के संघर्ष में उन्होंने किये थे। जोशी ने सतपाल महाराज की ओर से किये कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयास से चारधाम यात्रा के सम्पर्क मार्गों का निर्माण आज पर्यटन के लिए मील के पत्थर साबित हो रहे हैं।
सभा में हिल डेवलपमेंट मिशन के अध्यक्ष रघुवीर बिस्ट ने कहा कि विकास के आंकड़ों में इजाफा तो हुआ है, लेकिन धरातल में विषमताएं व विकास की लौ को पहाड़ तक नही पहुंच पाना अचंभित भी करता है और भयभीत भी। सभा की शुरुवात संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर विनोद पसबोला ने मेहमानों का स्वागत कर संगठन के कार्य कलापों व उदेश्यों को उलेखित किया।
गोष्ठी में पूर्व आयुक्त सुरेन्द्र पांगती ने अपने अनुभव को विस्तार से बताते हुए कहा कि पूर्व सैनिक क्षेत्रीय राजनैतिक ताकतों मजबूत करते हुए संगठित करने का काम करेंगे। सभा मे पूर्व आयुक्त कर एसपी नौटियाल ने पूर्व सैनिकों से आग्रह किया कि सैन्य धाम का निर्माण कचरास्थल में न होने लिए पूर्व सैनिक आगे आकर विरोध करें।
सभा में फील गुड संस्था के सुधीर सुंदरियाल व युवा अभिनव नेगी व रघुवीर बिस्ट को सम्मानित किया गया। संचालन संगठन के महासचिव पीसी थपलियाल ने किया अध्यक्षता कैप्टन सी यम बंदूनि ने किया। इस दौरान सूबेदार मेजर सुरेन्द्र नौटियाल, कमल कांत कुकसाल. विजेश चौधरी, दिगम्बर नेगी, अनु पंत,आदि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।