उपभोक्ताओं से खेलः मतदान निपटा और सात दिन में कर दी बिजली महंगी, बीजेपी ने दिया ये तर्क
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के साथ सरकार ने खेल कर दिया और बिजली के दाम बढ़ा दिए। नई दर एक अप्रैल से ही लागू की जाएंगी। यहां हम खेल इसलिए कह रहे हैं कि 19 अप्रैल को उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हुए थे। इसके बाद 26 अप्रैल को उत्तराखंड में बिजली महंगी करने की घोषणा की गई। इसकी टाइमिंग भी ऐसी रखी गई कि पहले चुनाव निपट जाएं, फिर बिजली के रेट बढ़ाएंगे। अबकी बार करीब सात फीसदी बिजली महंगी की गई है। वहीं, उत्तराखंड बीजेपी ने कहा कि इस बार बिजली की दरों में कम वृद्धि की गई है। साथ ही दावा किया गया कि दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में बिजली सस्ती है। पिछले साल की अपेक्षा बिजली की दर कम बढ़ाई गई। अब वहीं, सवाल ये है कि जब लोगों की हर साल आय नहीं बढ़ रही है। घर की हर जरूरत का सामान महंगा हो रहा है। फिर बिजली के रेट बढ़ाकर जले पर नकम क्यों छिड़का जा रहा है। हालांकि, गैर बीजेपी शासित सरकारें बिजली की दरों में उपभोक्ताओं को छूट दे रही है। वहीं, ऊर्जा प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को हर साल झटका दिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिजली के रेट बढ़ने से उत्तराखंड के करीब कुल 27 लाख उपभोक्ताओं में से लगभग 22 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ गया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक विद्युत टैरिफ जारी कर दिया है। आयोग का दावा है कि टैरिफ के प्रस्ताव का अध्ययन कर सभी हितधारकों के सुझाव व आपत्तियां लेने के बाद आयोग ने कुल औसत वृद्धि 6.92 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो वर्षों में 16 प्रतिशत से अधिक महंगी हुई बिजली
उत्तराखंड में हर साल ही बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 के लिए बिजली के दाम कुल 9.64 प्रतिशत बढ़े थे, जबकि इस बार करीब सात प्रतिशत वृद्धि और हुई है। ऐसे में दो वर्ष में प्रदेश में बिजली करीब 16 प्रतिशत से महंगी हो गई है। वहीं, फिक्स चार्ज में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इसके अलावा समय-समय पर फ्यूल एंड पावर पर्चेज एडजस्टमेंट के नाम पर भी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। वहीं, पिछले वर्ष के टैरिफ के सापेक्ष बिजली के समस्त निगमों ने प्रस्तावित संकलित वृद्धि 38.66 प्रतिशत और ऊर्जा निगम ने टैरिफ में प्रस्तावित वृद्धि 27.06 प्रतिशत रखी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब बढ़ाई गई इतनी राशि
अब घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर 25 पैसे, 101 से 200 यूनिट पर 30 पैसा, 201 से 400 यूनिट तक 40 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के साथ भुगतान करना होगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने बताया कि सोलर वाटर हीटर में छूट 75 रुपये प्रति 50 लीटर रखी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रति यूनिट चुकाने हैं इतने रुपए
नए टैरिफ के अनुसार, अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 49 पैसे और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 69 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे। इसके अलावा फिक्स चार्ज में भी प्रति किलोवाट 15 से 20 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दिए गए हैं। बताया गया कि ऊर्जा निगम की ओर से वार्षिक आय-व्यय के आधार पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व आवश्यकता का ब्योरा दिया गया था। इसमें कुल राजस्व आवश्यकता 12,562.27 करोड़ बताई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही टैरिफ में 27.06 प्रतिशत वृद्धि की मांग की थी। जिसका अध्ययन व परीक्षण करने के बाद आयोग ने राजस्व आवश्यकता का पुनर्निर्धारण कर 10,690.03 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया है। इसके लिए वार्षिक विद्युत टैरिफ में 6.92 प्रतिशत की ही वृद्धि स्वीकृत की। इसमें साढ़े चार लाख बीपीएल और हिमाच्छादित उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दरों व फिक्स चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया कि घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं जिनका लोड चार किलोवाट तक है, उनके लिए फिक्स चार्ज में 15 रुपये प्रति किलोवाट, चार किलोवाट से अधिक वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ाया गया है। वहीं, एकल बंदु बल्क सप्लाई उपभोक्ताओं के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अन्य राज्यों की तुलना में सस्ती बिजलीः चौहान
इस मामले में उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं के हितों को लेकर सचेत है। उत्तराखंड मे अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड मे बिजली कि दरें सस्ती है और प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ौतरी भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि राज्य मे बिजली की कीमत में 6.92% की बढ़ोतरी की गयी है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल कम है। पिछले वर्ष 2023- 24 में 9.64% की वृद्धि हुई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि हर वर्ष बिजली की कीमत में संशोधन किया जाता है और विद्युत नियामक आयोग ने बढ़ोतरी को स्वीकृति दी है। बिजली उत्पादकों से प्राप्त बिजली के मूल्यों में हुई वृद्धि की वजह से नियामक आयोग ने वृद्धि का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष विद्युत दरों मे संशोधन होता है और यह कोई नई परंपरा नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोरोना काल मे भी विद्युत या अन्य वसूली मे भी सरकार ने समय सीमा मे लोगों को राहत दी है। सरकार ने आम जन की परवाह करते हुए ही विद्युत दरों मे कम वृद्धि की है। वहीं उत्तराखंड सस्ती और निर्वाध बिजली अपने निवासियों तथा औधोगिक क्षेत्र को मुहैया कर रहा है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।