गंगोत्री में एक तरफा हो रहे घाट निर्माण पर चढ़ा तीर्थ पुरोहितों का पारा, जिलाधिकारी से मिलकर चेताया

गंगोत्री धाम में गंगा भागीरथी नदी के एक ही तरफ घाट के निर्माण पर तीर्थ पुरोहितों का पारा चढ़ गया। उन्होंने जिलाधिकारी से भेंट कर उन्हें भविष्य में होने वाले इसके खतरों के प्रति चेताया। साथ ही नदी के दोनों तरफ घाट के निर्माण की मांग की।
गौरतलब है कि 14 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। कपाट खुलने से पहले प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरुस्थ कर रहा है। इसके तहत नमामि गंगे के अंतर्गत इंडोरामा चैरिटेबल ट्रस्ट के सीएसआर फंडिंग के तहत वेब कोस लिमिटेड गंगोत्री में पक्के घाट का निर्माण कर रही है।
इसके प्रथम चरण में श्री गंगा मंदिर के ओर मुख्य घाट का निर्माण किया जा रहा है। वहीं गंगा भागीरथी नदी के दूसरी छोर पर मलबा डाला जा रहा है। इससे तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी है। उनका कहना है कि दूसरे छोर की तरफ तीर्थ पुरोहितों की कालोनी है। उस तरह घाट का निर्माण न होने और पुश्ते नहीं बनाने से वहां बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।
उन्होंने जिलाधिकारी से भेंट कर गंगा के दूसरी तरफ भी घाट निर्माण की मांग की। साथ ही कहा कि तीर्थ पुरोहितों की बस्ती, आश्रमों, धर्मशालाओ को नुकसान से बचाने के लिए निर्माण जरूरी है। प्रतिनिधिमंडल में गंगोत्री धाम के पंडित रवीन्द्र सेमवाल, मंदिर समिति के पूर्व सचिव शैलेश सेमवाल, विरला निकेतन के प्रबन्धक डां सत्येंद्र सेमवाल, विपिन सेमवाल आशीष, दिनेश सेमवाल आदि शामिल थे।
सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।