Recent Posts

Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Recent Posts

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 10, 2025

कार्पोरेटपरस्त मोदी सरकार गद्दी छोड़ो का नारा देकर जनसंगठनों ने मनाई भारत छोड़ो दिवस की वर्षगांठ

भारत छोड़ो दिवस की वर्षगांठ के मौके पर विभिन्न जनसंगठनों ने कार्पोरेटपरस्त मोदी सरकार गद्दी छोड़ो का नारा दिया। उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन आयोजित किए गए। वहीं, राजधानी देहरादून में गांधी पार्क के समक्ष धरना दिया गया। इस धरने में संयुक्त ट्रेड यूनियन, किसान मोर्चे के साथ ही राज्य के विभिन्न जनसंगठनों ने हिस्सा लिया। इनमें प्रमुख रूप से सीटू, एटक, इन्टक, इफ्टू, जिला किसान सभा, चेतना आन्दोलन, जनवादी महिला समिति, एआईएलयू , महिला मंच, उतराखण्ड आन्दोनकारी परिषद, एसएफआई, सर्वोदय आन्दोलन से जुड़े लोग शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस देशव्यापी कार्यक्रम के साथ उत्तराखंड में “नफरत नहीं, रोजगार दो” नारे को भी जोड़ा गया। कार्यक्रम में डोईवाला में प्रस्तावित इन्टीग्रेटेड सिटी के खिलाफ आंदोलनरत किसान, जनता ने भी समर्थन किया। इसके साथ ही उत्तराखण्ड में भूमि सुरक्षा के लिये कानून बनाने के लिए  देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, टिहरी, उधमसिंहनगर, नैनीताल, भवाली, पिथौरागढ़, अगस्त्यमुनि, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, उत्तरकाशी, रामनगर, हल्द्वानी, सल्ट, चमियाला और अन्य जगहों में कार्यक्रम हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर वक्ताओं ने मांग उठाई कि श्रम कानूनों का पालन हो, एमएसपी लागू हो‌, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के नीजिकरण पर रोक लगे, बढ़ती मंहगाई पर रोक लगे, पुरानी पेंशन योजना लागू हो, रिक्त पदों पर नियुक्ति हो, स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया, बिजली के बढ़े बिल वापस लिए जाएं, किसानों और मज़दूरों के हक़ को सुनिश्चित किया जाये, ज़मीन, घरों और वनों पर क़ानूनी अधिकार को सुनिश्चित किया जाए, डोईवाला में इन्टीग्रेटेड सिटी की योजना निरस्त करने, पछवादून में भूमि घोटाले की जांच कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बाद में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को सौंपा गया। ज्ञापन में उक्त मांगों के अलावा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाने की मांग भी की गई। वक्ताओं ने कहा कि सारे देश की कृषि भूमि, जल, जंगल व जमीन, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सार्वजनिक संपत्तियों को कारपोरेट घराने के हवाले किया जा रहा है। साथ ही श्रम कानूनों में संशोधन कर देश को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। जनता को अपने हक़ों देने के बजाय कॉर्पोरेट घरानों को करोड़ों की सब्सिडी दी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

वक्ताओं ने कहा कि नफरत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता की एकता को छिन्न भिन्न  किया जा रहा है। हाल ही में पुरोला, मणिपुर के साथ हरियाणा की घटनाओं ने तो पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। देश और प्रदेश में भी निर्दोष लोगों को धर्म के आधार पर निशाना बना कर हिंसक संगठन बेखौफ अपराध कर रहे हैं। देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर सीटू राज्य अध्यक्ष राजेंद्र नेगी और सचिव लेखराज, आईएनटीयूसी के राज्य अध्यक्ष हीरा सिंह  बिष्ट, एआईटीयूसी के राज्य अध्यक्ष समर भंडारी, सचिव अशोक शर्मा, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य अध्यक्ष एसएस सजवाण, राज्य महामंत्री गंगाधर नौटियाल, महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव इंदु नौडियाल, किसान सभा के अध्यक्ष दलजीत सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, राजेन्द्र पुरोहित, एसएस नेगी, कृष्ण गुनियाल, अनन्त आकाश, शम्भू प्रसाद ममगांई, गिरिधर ‌पण्डित, जगदीश कुकरेती, भगवंत पयाल, बलबीर सिंह, याकूब अली, दीपक शर्मा, माला गुरूंग, सुधा देवली, अनिल कुमार, नुरैशा, उमा नौटियाल आदि बड़ी संख्या में लोग धरने में शामिल हुए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *