उत्तराखंड में बिजली कटौती से लोग परेशान, पानी की आपूर्ति भी हो रही बाधित
उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ गई है। मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने के चलते अब अघोषित बिजली कटौती से लोग परेशान हैं। वहीं, सुबह और शाम जलापूर्ति के समय बिजली गुल रहने का असर पेयजल आपूर्ति पर भी पड़ रहा है। राजधानी देहरादून के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति भी लचर होने लगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। लोड बढ़ने से जगह-जगह फाल्ट भी आ रहे हैं। इस माह बीते 15 दिन में बिजली की मांग 10 मिलियन यूनिट तक बढ़ गई है। उत्तराखंड में इस वर्ष पहली बार प्रतिदिन बिजली की मांग 54 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है। इसका कारण पंखे, कूलर व एसी का प्रयोग बढ़ना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलने के बावजूद मांग के सापेक्ष उपलब्धता नहीं है। ऐसे में ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती की जा रही है। 15 दिन पूर्व जहां बिजली की मांग 44 मिलियन यूनिट के आसपास थी, वह अब बढ़कर 54 मिलियन यूनिट पहुंच गई है। इसके विपरीत कुल उपलब्धता 52 मिलियन यूनिट है। उपलब्धता मांग के सापेक्ष न हो पाने से कटौती की जा रही है। वहीं, केंद्र सरकार से उत्तराखंड को करीब आठ एमयू अतिरिक्त बिजली मिल रही है। इसके बावजूद उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले कुछ समय से ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की जा रही थी। हालांकि, अब दून के विभिन्न क्षेत्रों में अघोषित कटौती की जा रही है। दिनभर बिजली की आंख-मिचौनी चल रही है। साथ ही कई क्षेत्रों में एक से दो घंटे बिजली गुल हो रही है। इसका कारण फाल्ट बताया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दी आंदोलन की चेतावनी
देहरादून में सरस्वती विहार अजबपुर खुर्द क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बिजली की कटौती से क्षेत्र के लोग बहुत परेशान हैं। सरस्वती विहार विकास समिति के सचिव गजेंद्र भंडारी ने कहा कि पिछली कई दिनों से क्षेत्र में बिजली की कटौती की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले दिन तो सुबह 8:00 बजे से अपराह्न तीन बजे तक बिजली की कटौती की गई। फोन करने पर विभाग के उच्च अधिकारी हर समय कुछ ना कुछ बहाना बना रहे हैं। कभी 133kv डिस्टरबेंस की बात कही जा रही है तो तो कभी रोस्टर की बात। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि क्षेत्र में ऐसे ही लंबे अंतराल के लिए बिजली कटौती की जाएगी, तो लोगों को ऊर्जा निगम के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छोटे शहरों और कस्बों में ज्यादा परेशानी
बढ़ती मांग और कम उपलब्धता के कारण ग्रामीण और छोटे शहरों में कटौती बढ़ गई है। ऐसे में वहां के लोगों को गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। हरिद्वार-रुड़की में मंगलौर, लक्सर, ज्वालापुर, भगवानपुर आदि छोटे शहरों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में एक से डेढ़ घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। कोटद्वार और ऊधम सिंह नगर में एक से डेढ़ घंटा, प्रदेश के स्टील फर्नेस में चार से पांच घंटे कटौती हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पेयजल आपूर्ति हो रही बाधित
यदि हम राजधानी देहरादून की बात करें तो दून में वर्तमान में जल संस्थान के पास पेयजल आपूर्ति के लिए करीब पौने तीन सौ ट्यूबवेल के साथ ही तीन नदी व झरने के स्रोत हैं। ज्यादातर पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल से ही की जाती है। ऐसे में पेयजल आपूर्ति ज्यादा बिजली पर ही आधारित है। वहीं, पेयजल आपूर्ति के समय बिजली गुल होने से नलकूप बंद हो रहे हैं। नलकूप संचालन का समय निर्धारित है। ऐसे में एक बार नलकूप बंद होने पर जब दोबारा बिजली आती है तो पेयजल लाइन खाली हो जाती है। ऐसे में जब लाइन भरती और पानी की आपूर्ति शुरू होती है, तो कई बार नलकूप संचालन का समय पूरा हो जाता है। ऐसे में कई इलाकों में तो एक बूंद पानी तक नहीं पहुंच रहा है। इसी तरह दून में पेयजल की मांग 242.17 एमएलडी है, जबकि उपलब्धता 228 एमएलडी है। लीकेज और वितरण व्यवस्था की खामियों के कारण वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। गर्मी में तो मानकों के मुताबिक, पेयजल की आपूर्ति बहुत कम हो जाती है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।