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December 23, 2024

लोग कहते हैं चमत्कार, विज्ञान की नजर में हाथ ही सफाई, आओ सिखाएं आत्मशक्ति के प्रसाद पैदा करना

हम आंख से जो देखते हैं, जरूरी नहीं कि हर बार वो सच ही हो। क्योंकि हम यदि किसी चमत्कार को देख रहे होते हैं, तो उसके पीछे कुछ और तथ्य छिपे होते हैं। इसे कई लोग अंधविश्वास में चमत्कार मान बैठते हैं।

हम आंख से जो देखते हैं, जरूरी नहीं कि हर बार वो सच ही हो। क्योंकि हम यदि किसी चमत्कार को देख रहे होते हैं, तो उसके पीछे कुछ और तथ्य छिपे होते हैं। इसे कई लोग अंधविश्वास में चमत्कार मान बैठते हैं। वहीं, विज्ञान में विश्वास करने वाले लोग सच्चाई की जड़ तक पहुंचने का काम करते हैं। लोकसाक्ष्य में हम ऐसे ही कई चमत्कार के बारे में विज्ञान जोनर के अंतर्गत समय समय पर बता और पढ़ा चुके हैं। आपने देखा होगा कि कई बार साधु या संत हवा में हाथ घुमाकर, या फिर एक खाली बर्तन में हाथ डालकर कई वस्तुएं निकालकर श्रद्धालुओं को भेंट करते हैं। इसे लोग चमत्कार या फिर भगवान की शक्ति मान लेते हैं। हकीकत में ये कुछ नहीं, बल्कि हाथ की सफाई होती है। यहां आपको इसी तरह आत्मशक्ति से प्रसाद को पैदा करने की विधि बताई जा रही है।
आवश्यक समाग्री और विधि
प्रसाद के लिए आसानी के उपलब्ध होने वाले फल जैसे सेब, संतरा, केला, अमरूद आदि ले सकते हैं। साथ ही एक चौड़े मुंह वाला कुछ गहरा बर्तन, एक ढीला कुर्ता, एक शॉल का प्रयोग इस खेल में किया जाता है। सबसे पहले ढीला कुर्ता पहन लो। फल को अपनी बगल में छिपा लो। इस खेल में एक बार में एक ही फल निकाला जाता है। या फिर बहुत ज्यादा अभ्यास हो तो दो से तीन फल छिपाए जा सकते हैं। क्योंकि बगल में ज्यादा फल छिपाना मुश्किल होगा। अब मंत्र पढ़ने का उपक्रम करें। फिर हाथ को खाली बर्तन में डालें। इससे पहले लोगों को दिखा दें कि बर्तन खाली है।

हाथ को बर्तन में डालने के बाद बांह के भीतर बगल में छिपे फलों को धीरे से नीचे सरकने दें। सारे फल बर्तन में गिर जाएंगे। इस पर एक एक कर फल निकालकर श्रद्धालुओं को दे सकते हैं। दर्शक अचंभित रह जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया में मंत्रों का उच्चारण भी करते रहें। ताकि सभी को लगे कि आप मंत्र शक्ति से ही ऐसा कर रहे हैं।
तथ्य और सावधानियां
ये पूरा खेल हाथ की सफाई का निर्भर है। इस खेल का अभ्यास होना चाहिए। पूरी बांह का ढीला कुर्ता या कमीज ही इस खेल में पहनना चाहिए। जब हम बर्तन में हाथ डालते हैं तो हमारी कलाई के साथ ही कमीज की बांह भी बर्तन में हो। ताकि फल बर्तन से बाहर ना गिरे। कंधे पर शाल डाला जाए बांह के नीचे फल छिपाने में और अधिक आसानी होगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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