नहीं डर किसी का आज, मास्क उतारकर कैसे बोलोगे भाग कोरोना भाग
ऐसा लगता है कि राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों को शायद कोरोना का डर ही नहीं बचा है। सब एक साथ कदमताल करते नजर आ रहे हैं। ये कदमताल आपसी एकता के लिए होती तो शायद उनके लिए अच्छी होती, लेकिन वे तो मास्क को मुंह से सरकाने की कदम ताल कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना से जंग कैसे जीती जाएगी ये सवाल भी तमाम दलों के लोगों से पूछना चाहिए।
यूं तो अमूमन हर राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों के साथ ही धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक संस्थाओं के कार्यक्रमों में कोरोना के तीन नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। मुंह व नाक को मास्क से नहीं ढका जा रहा है। शारीरिक दूरी का नियम भी हवाई है। रही हाथों को बार-बार साफ करने की बात, ये वही जान सकते हैं कि वे कितनी बार हाथ साफ कर रहे हैं।
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अब बात होती है उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के देहरादून स्थित मुख्यालय की। यहां कल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भी कांग्रेसी जुटे, लेकिन कोरोना के नियम शायद यहां भी नहीं नजर आए। ये बात अलग है कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हो या फिर प्रियंका गांधी, सार्वजनिक स्थानों पर दोनों मास्क में नजर आते हैं। इन नेताओं से ही शायद उत्तराखंड के नेता सीख ले लेते। कार्यक्रम में श्री तिवारी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के दौरान अधिकांश के मास्क नाक व मुंह से नीचे सरके हुए थे। ऐसे में कोरोना से कैसे जंग जीती जाएगी, ये शायद इन नेताओं को ज्यााद पता हो। इस दौरान वक्ताओं ने स्व. तिवारी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्हें विकास पुरुष की संज्ञा दी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।