स्पेन की अनाम पर्वत की चोटी जानी जाएगी उत्तरकाशी के पूर्व डीएम के नाम से, पढ़िए खबर
अब स्पेन की एक चोटी और उस तक पहुंचने का रास्ता उत्तरकाशी के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के नाम से जाना जाएगा। इस अधिकारी की यह उपलब्धी उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। स्पेन की चोटी का नाम अपने नाम से होने की सूचना डॉ. आशीष चौहान ने अपनी फेसबुक के जरिये खुद ही दी है
वर्ष 2012 बैच के इस अधिकारी की कार्यप्रणाली का हर कोई मुरीद है। उनकी पहली पोस्टिंग नैनीताल के उपजिलाधिकारी के साथ, पिथौरागढ़ के मुख्य विकास अधिकारी के रूप में हुई। फिर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी के रूप में वह लोगों के दिलों में बस गए। अब तो विदेश में भी उनके कार्य की सराहना के साथ उनकी कार्यप्रणाली को पुरूस्कार के रूप में उनका ही नाम दे दिया गया।
स्पेन के एक पर्वतारोही की डॉ आशीष चौहान ने अपने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी के कार्यकाल के दौरान जो सहायता की वह अंटोनियो नाम के स्पेनिश नागरिक एवं पर्वतारोही के दिल दिमाग में बैठ गई। वह उनका और उनकी कार्यप्रणाली का मुरीद हो गया। गत दिवस उस स्पेनिश नागरिक अंटोनिओ ने डॉ आशीष चौहान को सूचना दी कि वह स्पेन के एक वर्जिन शिखर ( अभी तक आरोहित नहीं) का नाम मजिस्ट्रेट पॉइंट / टिप तथा उस तक पहुंचने के रास्ते का नाम वाया आशीष रख रहा है।
इन स्पेनिशनागरिक अंटोनियो के संदेश को भी डॉ. चौहान ने अपनी फेसबुक में साझा किया। उस चोटी को अभी तक किसी ने आरोहरण नहीं किया। स्पेन के दल ने वहां जाकर जब यह उपलब्धी हासिल की तो इसका और रास्ते का नाम डॉ.चौहान के नाम से करने का निर्णय किया।
यू तो लालफीता साही पर अक्सर कलमें लिखती रहती है, लेकिन कुछ अफसर के सराहनीय काम कलमों को अलग सा लिखने को मजबूर कर देते हैं। अब देखिए एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर डॉ. आशीष चौहान ऐसे हैं जिन्होंने जिला उत्तरकाशी का जिलाधिकारी होने पर आवाम के बीच अपनी पहचान बनाई। उनके व्यवहार से जिले में घूमने आए एक स्पेनिस ने स्पेन पहुंच कर स्पेन की ही एक अनाम चोटी का आरोहण कर उसका नाम मजिस्ट्रेट रखने के साथ ही रास्ते का नाम इस जिलाधीश डॉक्टर आशीष चौहान का नाम दे दिया। जो अपने आप मे देश के लिए गौरव की बात है ।
IAS डॉक्टर आशीष चौहान दो वर्ष 10 माह तक जिलाधिकारी उत्तरकाशी रहे और फिर ट्रांसफर होकर युकाडा देहरादून में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं। जिला उत्तरकाशी में तैनाती के दौरान डॉक्टर चौहान ने दिन रात मेहनत करके जिले को पूरे प्रदेश सहित देश मे एक अलग पहचान दिलाई। पर्यटन की अपार संभावनाओ के लिए विख्यात जिला सिर्फ कागजों में सीमित रहा है, लेकिन इन सभी संभावनाओं का व्यापक अध्ययन करने के बाद डॉक्टर चौहान ने अलग हटकर काम किए। जिले में गंगा आरती ,फ्लोटिंग प्लेट फार्म, किशान आउट लेट सहित ,जल क्रीड़ा के लिए केनोईग, कयाकिग, पैरा ग्लाइडिंग आदि इवेंट्स आयोजित करा कर जिले को एक अलग रूप में प्रस्तुत किया।
वास्तव में रोजगार और पर्यटन की दृष्टि से ये एक अभिनव प्रयास रहा है । इतना ही नही विश्व प्रसिद्ध हर्षिल घाटी को विकसीत करने के लिए हर्षिल फेस्ट का आयोजन कराया गया । स्थानीय शैलेन्द्र, विनित, प्रभाकर आदि बताते है कि जिलाधिकारी बहुत देखे, लेकिन जनता से दूरी न रखने वाले हर किसी समस्या के निदान के लिए फौरी तौर पर तत्पर रहने वाले जिलाधिकारी के रूप में आशीष चौहान को पहली बार देखा है।
मोरी निवासी राजपाल बताते है कि गत वर्ष आराकोट में आई आपदा के दौरान जिलाधिकारी ने आराकोट में कैम्प कर दिया और तब तक वंही डेरा डाले रहे जब तक कि सभी राहत और बचाव कार्य पूर्ण नही हुए। क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रकाश नौटियाल बताते हैं कि कोरोना काल की बात करें तो लॉकडाउन की सख्ती से आम जन जिलाधिकारी के रवैये से नाराज होने लगे थे, लेकिन अब महसूस हो रहा है कि यदि सख्ती नही दिखाई होती तो जिले के हालात बद से बदतर हो जाते।
हर्षिल के पूर्व प्रधान भवान सिंह भी डॉक्टर चौहान की तारीफ करते नही थकते भवान सिंह कहते है कि, साल 2019 में उत्तरकाशी जिले को भारत सरकार पेयजल स्वच्छता, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से स्वच्छ भारत पुरस्कार से नवाजा गया, जो कि हमारा सौभाग्य है। उनके ट्रांसफर के बाद भी सोशल मीडिया में अभी तक उत्तरकाशी की आवाम उनकी हर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देना नही भूलती।