शांतिपूर्ण संपन्न हुई पटवारी और लेखपाल भर्ती परीक्षा, 103730 अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
उत्तराखंड में पटवारी और लेखपाल के कुल 563 पदों पर लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। रविवार को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर लेखपाल के 172 और पटवारी के 391 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। पंजीकृत कुल 158210 अभ्यर्थियों में से 103730 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। कुल 65.6 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। परीक्षा राज्य के 13 जनपदों में कुल 498 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित की गयी। जो सुबह 11:00 बजे से दोपहर एक बजे तक हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के साथ ही शासन-प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं का अहित नहीं होने देगी। नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में हिन्दुस्तान का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाया गया है। नए अध्यादेश में नकल करने और कराने वाले दोनों सलाखों के पीछे होंगे,उनकी सम्पत्तियों को ज़ब्त करने और भारी जुर्माना लगाने संबंधी प्राविधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न भर्तियों का परीक्षा कैलेंडर जारी किया जा चुका है। आगामी भर्ती परिक्षाओं के लिए अभ्यर्थी पूरे मनोयोग से जुट जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि उक्त पदों पर 8 जनवरी 2023 को पहली बार परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें पेपर लीक की शिकायत मिलने के बाद उक्त परीक्षा को रद्द कर दुबारा से रविवार को परीक्षा का आयोजन कराया गया। परीक्षा को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पूरी कमर कसी हुई थी। पूरे प्रदेश में परीक्षा केंद्रों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया था। सघन चेकिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश की अनुमति दी प्रदान की गई। परीक्षा के पूरी तरह से संपन्न होने तक पुलिस कर्मी केंद्रों पर ही तैनात रहे। समय-समय पर केंद्रों से जरूरी देता कंट्रोल रूम से साझा किया जाता रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गोपनीयता के संबंध में आयोग का तर्क
राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव जीएस रावत के मुताबिक, कतिपय अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र की पेपर सील की गोपनीयता के सम्बन्ध में व्यक्त संदेह व्यक्त किया। इन भ्रांतियों के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि प्रश्नपत्र प्रेस द्वारा बॉक्सों शील्ड किया जाता है। उक्त बॉक्सों के अंतर्गत लिफाफों में (पाली बैग्स)प्रश्न पत्र शील्ड होते हैं। गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने व आयोग से जनपदों को उपलब्ध कराये जाने तथा परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों को उपलब्ध कराते समय अर्थात प्रत्येक स्तर पर वीडियोग्राफी की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उक्त गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य / केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं, जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है। प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर शील लगी होती है। इसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की संभावना हो सकती है। उक्त प्रश्नपुस्तिका की पेपर शील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थियों द्वारा खोला जाता है। ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर व समय मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अतः प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है। कतिपय अभ्यर्थियों की ओर से व्यक्त संदेह निर्मूल है। साथ ही उन्होंने कहा कि कतिपय लोगों द्वारा इस विषय मे भ्रामक ख़बरें फैलाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों के विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्राविधानो के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।