सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त करने को लेकर पंचायत परिषद का प्रदर्शन, सीएमओ को दिया ज्ञापन
देहरादून में डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग को लेकर अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर सीएमओ को ज्ञापन देकर स्वास्थ्य समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की गई।शनिवार 26 जून को परिषद के उत्तराखंड संयोजक एवं पूर्व दर्जाधारी मनीष कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने के बाद उन्हें ज्ञापन दिया। इस अवसर पर मनीष कुमार ने कहा कि डोईवाला क्षेत्र की आबादी लाखों की संख्या में है और गरीब जनता प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि डोईवाला में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं किया गया तो परिषद व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगी।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश सचिव पीयूष गॉड, बिजेंदर कनौजिया, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव जहांगीर खान, अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा, विकी नायक, अनीश कौशल, कांग्रेस नेता महेश जोशी, तेहसान अहमद, अनुराग, दीपा चौहान आदि शामिल थे।
ये हैं ज्ञापन के बिंदु
डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से मुक्त किया जाए व पुनः सरकार अपने स्तर से इसका संचालन करें। जिससे स्थानीय लोगों को ठीक प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सके।
– डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र जबसे पीपीपी मोड पर दिया गया है तब से इस अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। यहां अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे व जरूरी लैब की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हो पा रही है। मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। प्राइवेट डॉक्टरों का व्यवहार भी मरीजों के प्रति ठीक नहीं रहता है।
– जिन सुविधाओं के देने की बात को लेकर इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर किया गया है। वह सुविधा आज तक इस अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पाई है। सप्ताह में एक दिन अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इससे कि गर्भवती महिलाओं समेत अन्य बीमारी के मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करना पड़ रहा है। गरीब आदमी पर अधिक आर्थिक भार पड़ रहा है।
– इस अस्पताल में समुचित इलाज ना मिल पाने के कारण गरीब लोग झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में फंस रहे हैं। यदि इस अस्पताल में सुविधाएं व विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए तो यहां की जनता को लाभ होगा।
– पीपीपी मोड से पहले यहां विभिन्न प्रकार की जनरल सर्जरी की जाती थी, लेकिन वह सब ठप पड़ी है। इस कारण लोगों को छोटे-छोटे ऑपरेशन के लिए भी हजारों रुपए प्राइवेट अस्पतालों में देने पड़ रहे हैं। आम आदमी की समस्या को देखते हुए इस अस्पताल में जनरल सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ आदि डॉक्टरों की तत्काल तैनाती की जाए।
– डोईवाला के साथ साथ ही इसी विधानसभा के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्र के एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थानों में भी 24 घंटे आकस्मिक सेवाएं सहित इसका उच्चीकरण किया जाए। इससे दर्जनों पर्वतीय गांव को स्वास्थ्य लाभ मिल पाएगा।





