उत्तराखंड की राजनीति में भी पाकिस्तान के कार्ड का खेल शुरू, पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ लगाए गए पोस्टर
अक्सर ऐसा ही होता आया है कि जब भी चुनाव निकट आते हैं, तो हिंदु और मुसलमान के साथ पाकिस्तान का नाम लेकर राजनीति का कार्ड खेला जाने लगता है। अभी तक ऐसी घटिया राजनीति से उत्तराखंड अछूता रहा, लेकिन अब यहां भी इसी तरह का खेल शुरू हो गया है।
देहरादून में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ओर से कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर टिप्पणी करता एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। बैनर भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से लगाया गया है। इसमें हरीश रावत को पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा का भाई बता शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या का जिम्मेदार ठहराया गया है। शुक्रवार देर शाम दिलाराम चौक स्थित जलकल भवन की चहारदीवारी पर एक बैनर टंगा हुआ था। बैनर में एक तस्वीर के साथ लिखा था-हरीश रावत जी इस बेटी के पिता अमर शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या आपके भाई व पाकिस्तानी जनरल कमर चीमा बाजवा ने करवाई।
हरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि शहर में इस प्रकार के बैनर लगे हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे बैनर लगाकर उत्तराखंड का वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार है तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी पर कुछ भी आरोप लगाए जाएं। कांग्रेस हमेशा मर्यादा में रहकर आरोप लगाती है और बैनर लगाती है। यदि भाजयुमो की ओर से इस प्रकार का बैनर लगाया गया है तो यह गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है। भाजपा लोगों को क्या बताएगी कि हमने तीन सीएम बदल दिए। क्या बताएगी कि कोरोना की दूसरी लहर में भाजपाई घरों में दुबक कर बैठ गए थे। क्या बताएगी कि अस्पतालों में बेड की कमी, आइसीयू की कमी, ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों को यूं ही मरने के लिए छोड़ दिया गया। क्या लोग कोरोना के उस भयावाह दौर को भूल चुके हैं। सबको याद है और भाजपा को यही डर सता रहा है। इसी डर के चलते सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने की बजाय वही जातिवाद, क्षेत्रवाद, हिंदु मुसलमान, पाकिस्तान का कार्ड खेल रही है। साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने काम किया होता तो उसे इस तरह के दुष्प्रचार की जरूरत नहीं पड़ती और वह काम को लेकर जनता के बीच जाती। आखिरकार उसे पूर्व सीएम हरीश रावत को लेकर डर क्यों सता रहा है। ये प्रदेश की जनता भी जानती है कि भाजपा के दिन अब लद गए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।