आज के दिन पाकिस्तान ने किया था बलूचिस्तान में कब्जा, झारखंड में किया गया प्रदर्शन

बलोच फोरम जमशेदपुर की ओर से आज पूर्वी सिंह भूम जिले के जमशेदपुर में बलूचिस्तान की आजादी को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही बलूचिस्तान की आजादी को जरूरी बताया गया।
डॉ श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के प्रांगण में हिंद बलोच फोरम जमशेदपुर की ओर से ‘बलूचिस्तान का काला दिवस’ के नाम से कार्यक्रम आहूत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष हरि बल्लभ सिंह आरसी ने की ।संचालन संस्था के महासचिव धर्म चंद्र पोद्दार ने किया।
इस अवसर पर वक्ताओं कहा कि पाकिस्तान ने आज के ही दिन सन 1948 में बलूचिस्तान को कब्जा कर लिया था। भारतीय जन महासभा के संरक्षक राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि जो देश हमेशा स्वतंत्र रहा हो उस पर कोई दूसरा देश सैन्य बल का प्रयोग कर कब्जा कर ले, यह अत्यंत दुखद है।
इस प्रकार की कार्रवाई की हम भारतवासी घोर निंदा करते हैं।
कहा कि आज जो बलूचिस्तान में अनेक क्रांतिकारी संगठन अपने देश की आजादी के लिए क्रांति की ज्वाला को जलाए हुए हैं, हम उनका पुरजोर नैतिक समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि मां हिंगलाज भवानी का मंदिर बलूचिस्तान में है। जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। हम भारतवासी वहां दर्शन को जाना चाहेंगे। यह तभी संभव होगा जब बलूचिस्तान आजाद हो।
इस अवसर पर महासचिव धर्म चंद्र पोद्दार ने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण 14 अगस्त 1947 को हुआ था। मतलब इसका जन्म हुआ था और जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। पाकिस्तान पहले से नहीं था। यह बना तो अब इसका अंत भी होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हरि बल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को कब्जा तो किया ही, अब वहां वह घोर अत्याचार कर रहा है । अमानवीय हरकतें कर रहा है जो कि पड़ोसी होने के नाते अब हम लोगों से असह्य हो रहा है। हम भारत सरकार से चाहेंगे कि बलूचिस्तान को बांग्लादेश की तरह आजाद कराएं तभी इस मामले का पटाक्षेप होगा ।
दुनिया का कोई भी देश अगर किसी दूसरे देश पर कब्जा कर लेता है तो यह बहुत ही अमानवीय है। इसलिए दुनिया के सारे देशों को चाहिए कि इस मानवता के खिलाफ किए जा रहे कार्य की निंदा करें और पाकिस्तान पर भरपूर दबाव बनावे जिससे बलूचिस्तान आजाद हो सके।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरसी के अलावे, सबिता ठाकुर दीप, सोनी पाटोदिया, अर्चना बरनवाल, भुवनेश्वरी मिश्रा, कृष्ण कांत भारती, अरविंदर कौर, शीलू सिंह, संदीप कुमार, प्रकाश चंद्र चौधरी, सीमा जायसवाल, डिंपल जायसवाल, आयुष पाटोदिया, मंजू देवी, अवधेश रंजन आदि सम्मिलित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।