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April 16, 2025

पदमश्री डॉ. बीकेएस संजय को डॉ. एससी गौड़ ओरेशन से किया सम्मानित, प्रयागराज में आयोजित हुआ समारोह

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर प्रयागराज में प्लेट्सकॉन 2022 के दौरान उत्तराखंड के देहरादून निवासी एवं पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. बीकेएस संजय को प्रतिष्ठित डॉ. एससी गौड़ ओरेशन से सम्मानित किया गया। डॉ. संजय ऑर्थोपीडिक स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर देहरादून के निदेशक हैं। उन्हें ये सम्मान प्रयागराज आर्थाोपीडिक एसोसिएशन के डॉ. एनके अग्रवाल, डॉ. केडी त्रिपाठी एवं डॉ. मनीषि बंसल के हाथों प्रदान किया गया। डॉ. एससी गौड़ अपने समय के जाने-माने आर्थोपीडिक सर्जन थे। उन्होंने यू.पी. ऑर्थोपीडिक एसोसिएशन की वृद्धि और विकास के लिए बहुत योगदान दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. राम चड्ढा, विशिष्ट अतिथि पद्म श्री डॉ. बीकेएस संजय, डॉ. डीडी तन्ना, डॉ. केडी त्रिपाठी और डॉ. मनीषि बंसल ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया। डॉ. संजय ने सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा कि पैरों का स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि हृदय का। किसी भी व्यक्ति का विकास चलने-फिरने पर निर्भर करता है। जीवन के हर पड़ाव पर चलना महत्वपूर्ण है, हालांकि, यह बचपन में अधिक महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार सभी विकलांगताओं में 20 प्रतिशत लोग चलने-फिरने की विकलांगता से पीड़ित हैं। विकृति के मुख्य कारण पोलियो, क्लब फुट और सीपी हैं। हालाँकि हाल के वर्षों में सड़क यातायात दुर्घटनाऐं सभी विकृतियों का मुख्य कारण बन गया है। किसी भी प्रकार की अक्षमता से न केवल शारीरिक क्षति होती है, बल्कि मानसिक, आर्थिक और सामाजिक हानि भी होती है। हम सभी को विकसित होने के लिए अनुकूल वातावरण की आवश्यकता है लेकिन अक्षम लोगों को और अधिक। विकलांग लोगों की आवश्यकताऐं भी एक सक्षम व्यक्ति की तरह ही होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि विकृति का सुधार जल्दी ही किया जाना चाहिए। आम लोगों की धारणा है कि बच्चों के बड़े हो जाने पर ही ऑपरेशन करना चाहिए, लेकिन जितनी जल्दी सुधार होगा, उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा। डॉ. संजय ने प्लेट्सकॉन 2022 के संदर्भ में यह भी बताया कि जोड़ और फ्रैक्चर के लिए प्लेट ही एकमात्र विकल्प है। जब फ्रैक्चर को छोटे और सरल प्रत्यारोपण से ठीक किया जा सकता है तो बड़ी और महंगी प्लेटों की कोई आवश्यकता नहीं होती है।  जैसा कि रहीम दास ने कहा है-रहिमन देखि बड़ेन कोए लघु न दीजिए डारि। जहां काम आवे सुईए कहा करे तरवारि। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सम्मेलन के दौरान डॉ. संजय ने यह भी कहा कि अगर हम सबके पैरों की सेहत ठीक नहीं हुई होती और हम चल नहीं रहे होते तो आज हम जहां पहुंचे हैं, वहां नहीं पहुंच पाते। दूसरे शब्दों में, जो चल नहीं सकते, वे वहाँ नहीं पहुँच सकेंगे जहाँ हम पहुँचे हैं। वे केवल सपने देख सकते हैं और जो लोग चलते हैं वे सिर्फ सपने ही नहीं देख सकते, बल्कि अपने सपनों को पूरा भी कर सकते हैं। किसी भी कारण से होने वाली विकृति और अपंगता को जल्द से जल्द ठीक कर लेना चाहिए क्योंकि पौधों को आसानी से सीधा किया जा सकता है, पेड़ों को नहीं। गौरतलब है कि हाल ही में डॉ. बीकेएस संजय को स्वच्छता के क्षेत्र में सामाजिक योगदान के लिए नगर निगम, देहरादून की ओर से ब्रांड एंबेसडर के रूप में चयन किया गया है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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