फिर एक अस्पताल में हुई ऑक्सीजन की कमी, 24 मरीजों की मौत, मेरठ में भी पांच मौत

कोरोनाकाल में अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान भी सुरक्षित नहीं है। ऑक्सीजन खत्म होने पर जान जाने का सिलसिला जारी है। इस बीच कर्नाटक के चामराजनगर जिला अस्पताल में बीती दो मई की रात 24 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई। इनमें से कुछ कोरोना मरीज भी बताए जा रहे हैं। वहीं मेरठ के एक अस्पताल में भी पांच मरीजों की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि ये मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई।
चामराजनगर के जिस अस्पताल में ये हादसा हुआ है, उसे बेल्लारी से ऑक्सीजन की सप्लाई होनी थी। सप्लाई में देरी हुई, जिसके बाद 24 मरीजों की मौत हो गई। हादसे के बाद मैसूर से चामराजनगर के लिए ढाई सौ ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे गए। बताया जा रहा है कि, जिन मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें अधिकतर वेंटिलेटर पर थे। इस हादसे के बाद अस्पताल के बाहर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पांच मौत के बाद मेेरठ के अस्पताल में हंगामा
मेरठ मेडिकल थाना क्षेत्र के न्यूटीमा हॉस्पिटल में रविवार दो मई को कोरोना के पांच मरीजों की मौत हो गई। दो मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने और इलाज में लापरवाही से मौत हुई हैं। इससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की।
न्यूटीमा अस्पताल में कोविड और नॉन कोविड मरीज भर्ती हैं। रविवार दोपहर से शाम तक अस्पताल में पांच लोगों की मौत हो गई। अफरातफरी तब मच गई, जब आईसीयू में शाम को एकाएक तीन मरीजों की मौत हो गई। परिजनों का कहना था कि ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से मरीज तड़पने लगे और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसे लेकर अस्पताल में बखेड़ा हो गया। गुस्साए परिजन हंगामा करने लगे।
एक साथ कई मौत की सूचना से अस्पताल प्रशासन भी सकते में आ गया। सूचना पाकर मेडिकल के अलावा नौचंदी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। देखते ही देखते लोगों का हुजूम लग गया। न्यूटीमा अस्पताल के एमडी डॉ. संदीप गर्ग का कहना है कि पांच लोगों की मौत हुई है। उनके परिजन ऑक्सीजन के अभाव के कारण मौत होना बता रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है। लोग अपनों को खोने का गम बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और बेकाबू हो जा रहे हैं।
उधर, सीएमओ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक कि छानबीन करने पर ऐसा नहीं लग रहा है। हालांकि अभी क्लीन चिट नहीं दी है। गहन जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अस्पताल में ऑक्सीजन थी, बाधित हुई या नहीं हुई। यह जांच का विषय है।
दिल्ली के बत्रा अस्पताल में हुई थी 12 की मौत
दिल्ली के बत्रा अस्पताल में शनिवार 1 मई दोपहर एक डॉक्टर समेत 12 कोविड-19 मरीजों की मौत कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई। यहां भी ऑक्सीजन समाप्त हो गई थी। ऑक्सीजन रि-सप्लाई के लिए टैंकर अस्पताल में दोपहर 1.30 बजे पहुंचे। इसके कारण अस्पताल के मरीज करीब 80 मिनट तक बिना ऑक्सीजन के ही रहे। इससे ये हादसा हुआ।
दिल्ली में ही हुई थी 25 की मौत
24 अप्रैल को दिल्ली के रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों को देर रात मौत हो गई थी। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर का कहना था कि सरकार की तरफ से अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट की गई है, जिसको फिर रीफिल होना था, लेकिन देर रात रीफिल नही हुई। 23 अप्रैल की रात महज 1500 लीटर रीफिलिंग की गई थी। इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई और 25 कोविड मरीजों की मौत हो गई।
अमृतसर में छह ने तोड़ा था दम
24 अप्रैल को ही ऑक्सीजन की कमी से अमृतसर के एक निजी अस्पताल में छह लोगों की मौत हो गई थी। फतेहगढ़ चूड़ियां बाईपास रोड स्थित नीलकंठ अस्पताल में छह लोगों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया थी।
ग्वालियर में दो की मौत
24 अप्रैल को ही ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल मेंऑक्सीजन की कमी से 2 कोविड मरीजों की मौत हो गई थी। 65 साल के राजकुमार बंसल और 75 साल के फुंदन हसन की ऑक्सीजन खत्म होने के बाद शिफ्टिंग की जा रही थी। इस बीच उनकी सांसें रुक गईं।
नासिक में 22 ने तोड़ा था दम
21 अप्रैल को महाराष्ट्र के नासिक में डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन टैंकर लीक होने से 22 लोगों ने दम तोड़ दिया था। लीकेज के कारण अस्पताल में 30 मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई बाधित रही। इसके कारण वेंटिलेटर पर रखे गए 22 मरीजों की मौत हो गई थी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत बुरा हाल है, सरकार नाम की कोई चीज नहीं है