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August 24, 2025

ऑनलाइन खाना मंगवाना हुआ महंगा, ओला और उबर की दोपहिया वाहन सेवा पर भी टैक्स, जोर से बोलो हैप्पी न्यू ईयर

नए साल से ही सरकार ने आमजन पर महंगाई का बड़ा झटका दिया है। खाने पीने के सामान को ऑनलाइन मंगवाना महंगा हो गाय। जूते व चप्पलों की कीमतों में भी इजाफा कर दिया गया है।

नए साल से ही सरकार ने आमजन पर महंगाई का बड़ा झटका दिया है। खाने पीने के सामान को ऑनलाइन मंगवाना महंगा हो गाय। जूते व चप्पलों की कीमतों में भी इजाफा कर दिया गया है। यही नहीं, ओला और उबर की दो पहिया और तिपहिया सेवा भी कर के दायरे में आ गए हैं। ऐसे में सब एक दूसरे को हैप्पी न्यू ईयर बोलो और टैक्स के नाम पर और महंगाई झेलने को तैयार रहो।
खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों को अब ग्राहकों से पांच प्रतिशत कर जुटाना होगा और उसे सरकार के पास जमा करना होगा। ऐसे फूड वेंडर जो अभी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं, यदि वे ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के जरिये आपूर्ति करते हैं तो उन्हें जीएसटी देना होगा। अभी जीएसटी के तहत पंजीकृत रेस्तरां ग्राहकों से कर वसूलते हैं और सरकार के पास जमा कराते हैं।
इसके अलावा शनिवार से ही ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों मसलन उबर और ओला को भी दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर पांच प्रतिशत जीएसटी का संग्रह करना होगा। वहीं आज ही से सभी जूते-चप्पलों (फुटवियर) पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यानी सभी दाम के फुटवियर पर 12 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होगी। नए साल की शुरुआत से जीएसटी में ये बदलाव लागू हो गए हैं।
इसके अलावा कर अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है। इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) अब सिर्फ एक बार मिलेगा। करदाता के जीएसटीआर 2बी (खरीद रिटर्न) में क्रेडिट दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा। जीएसटी नियमों के तहत पहले पांच प्रतिशत का अस्थायी क्रेडिट दिया जाता था। एक जनवरी, 2022 से इसकी अनुमति नहीं है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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