उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने दिखाए आक्रमक तेवर, रही सही कसर भाजपा विधायकों ने की पूरी
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने आक्रमक तेवर दिखाए। सदन से लेकर सड़क तक किसानों की समस्याएं गूंजी। सड़क पर प्रदर्शन हुआ और सदन में कांग्रेस ने हंगामा किया। वहीं, रही सही कसर भाजपा विधायकों ने भी पूरी कर दी। उनके सवालों से सरकार को असहज होना पड़ा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद वह ऑनलाइन ही सदन की कार्रवाई से जुड़े। हालांकि, वह स्वस्थ हैं लेकिन वह होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। इसे लेकर भी कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया।
विपक्ष नियम-58 के तहत किसानों के मुद्दे को सदन में लाया और सदन में किसानों के विषय पर चर्चा करवाई। कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें किसानों के हित में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं दूसरी ओर, सदन के बाहर भी कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर पलटवार किया। मंगलौर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन सहित कांग्रेस के अन्य विधायकों ने गन्ने के साथ विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। सत्र के दूसरे दिन गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर विपक्ष के विधायकों ने गन्ना लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन, ममता राकेश, फुरकान अहमद, आदेश चौहान, मनोज रावत, हरीश धामी ने गन्ना लेकर विधानसभा में जाने का प्रयास किया, लेकिन मुख्य गेट पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई।
अपने ही विधायकों ने किया भाजपा सरकार को असहज
सत्र के दूसरे दिन वन नेशन वन राशन कार्ड पर पार्टी के विधायकों के तीखे सवालों से सरकार असहज नजर आई। विधायकों ने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड के अंतर्गत प्रदेश में राशन कार्ड पूरी तरह ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं। इससे जनता को राशन नहीं मिल रहा है। सरकार ने इस पर कहा कि जो भी खामियां सामने आ रही है उसे दूर किया जा रहा है। सरकार प्रत्येक राशन कार्ड पर राशन उपलब्ध कराएगी।
भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने अल्पसूचित प्रश्न में पूछा कि प्रदेश में खाद्य वितरण प्रणाली में लगातार शिकायतें एवं अनियमितताएं सामने आ रही हैं। इसके लिए सरकार क्या कर रही है। इस पर जवाब देते हुए प्रभारी संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य में अंत्योदय, प्राथमिक परिवार एवं राज्य खाद्य योजना के समस्त राशन कार्डों को शत प्रतिशत डिजिटाइज्ड करते हुए प्रत्येक राशन कार्ड तथा यूनिट को आधार से लिंक किया गया है।
खाद्यान्न के बेस गोदाम से लेकर राशन की दुकान तक के परिवहन एवं वितरण की व्यवस्था ऑनलाइन प्रक्रिया से की जा रही है। राज्य की 9225 राशन की दुकानों के सापेक्ष 7416 राशन की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर से जोड़ा गया है। इन्हें लैपटॉप, प्रिंटर तथा बायोमेट्रिक डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना जुलाई 2020 से लागू है। इस योजना में कॉर्डधारकों को एक राज्य से दूसरे राज्य अथवा एव जनपद से दूसरे जनपद से दूसरे जनपद में किसी भी राशन की दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा दी गई है।
इस पर भाजपा विधायक सौरभ बहुगुणा, महेंद्र भट्ट व सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में नेटवर्किंग की दिक्कत के कारण राशनकार्ड ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं। इससे जनता को राशन नहीं मिल पा रहा है। वहीं, भाजपा विधायक मुन्नी देवी ने कहा कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत कॉर्ड ऑनलाइन नहीं बन पाए हैं। कांग्रेसी विधायकों ने भी कॉर्ड आनलाइन बनने में आ रही दिक्कतों को उठाया और इन्हें दुरुस्त करने की मांग की।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है। सरकार की मंशा इसे शतप्रतिशत ऑनलाइन करने की है। जहां दिक्कतें आ रही हैं उन्हें दूर किया जा रहा है। इसके बाद भी कहीं दिक्कत आएगी तो फिर उस दिशा में भी कार्य किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।