यूकेडी की बैठक में पीएम की चार दिसंबर को रैली का किया विरोध, स्थगित करने की मांग
उत्तराखंड क्रांति दल की जिला इकाई की बैठक में चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दून में प्रस्तावित रैली का कड़ा विरोध किया गया। साथ ही भाजपा को सलाह दी गई है कि जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस रैली को स्थगित किया जाएगा।
उत्तराखंड क्रांति दल की जिला इकाई की बैठक में चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दून में प्रस्तावित रैली का कड़ा विरोध किया गया। साथ ही भाजपा को सलाह दी गई है कि जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस रैली को स्थगित किया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि रैली स्थगित नहीं की गई तो उक्रांद कार्यकर्ता इस दिन विरोध प्रदर्शन करेंगे।यूकेडी के केंद्रीय कार्यालय में आहूत बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष दीपक रावत एडवोकेट ने की। बैठक में युवा प्रकोष्ठ की ओर से प्रधानमंत्री की रैली के विरोध का समर्थन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड की भोली भाली को भ्रमित करने के लिए इस प्रकार के आयोजन कर रही है। इस प्रकार भीड़ इकट्ठा करने से भारतीय जनता पार्टी क्या संदेश देना चाहती है। रैली के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इस बात पर चर्चा की गई कि इसकी क्यों आवश्यकता आन पड़ी है। यदि राज्य और केंद्र सरकारों ने जनता के हित में कार्य की तो जनता उसके साथ सिद्धांत: सहमत रहेगी। केवल दिखावे और बहकावे के लिए रैली का आयोजन करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार रैली से देश और प्रदेश का विकास नहीं किया जा सकता। भारतीय जनता पार्टी सरकार में रहते हुए भीड़ इकट्ठा करना सरकारी धन एवं सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग कर रही है। प्रदेश का बुद्धिजीवी इस बात को समझता है कि इस तरह की रैली का आयोजन सरकारी पैसों से किया जाता है। जो ठीक नहीं है। भारतीय जनता पार्टी अपनी रैली को सफल बनाने के लिए समस्त सरकारी तंत्रों झोंक दिया है। इस प्रकार उत्तराखंड सरकार जनता के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार सुरक्षा की दुहाई देकर सभा स्थल पर हजारों कर्मचारी इकट्ठा करने का प्लान कर रही है। युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट की ओर से घोषित कार्यक्रम को उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य के को देखकर रखा गया है। उत्तराखंड में पलायन और बेरोजगारी का आलम सब लोग जानते हैं। हालत इतने दुश्वर है कि राज्य सरकार झूठी घोषणाएं कर झूठे फॉर्म बेरोजगारों को पकड़ा रही है। वहीं परीक्षा का नतीजा बेरोजगारों के सामने नहीं आने वाला। रोजगार हताश है और भारतीय जनता पार्टी की नीति को समझ चुका है।
तय किया गया कि रैली का हर तरह से विरोध किया जाएगा। क्योंकि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रोम एक खतरनाक वायरस है। रैली करने की दशा में वह व्यापक रूप ले सकता है। महामारी फैलने से भारतीय जनता पार्टी दोष करार सिद्ध होगी। इसलिए भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के जनमानस के हित में अपनी इस रैली को स्थगित करें और जनता को राहत दे। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष किरण रावत, कोषाध्यक्ष मुकेश कुंडेरा, उपाध्यक्ष मीनाक्षी सिंह, जितेंद्र, वीरेंद्र आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि उत्तराखंड में कोरोना के मामलों में फिर से उछाल आया है। बुधवार को प्रदेश में कोरोना के 53 नए संक्रमित मिले। वहीं, आज गुरुवार को पुलिस महकमें में 50 कर्मियो को कोरोना की पुष्टि हुई। इन सभी को वैक्सीन की दो डोज लग चुकी थी। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को छोड़कर अन्य दल चुनावी रैलियों का विरोध कर रहे हैं।





