एआइएमआइएम प्रमुख ओवैसी को विरोधियों ने बताया वोट कटवा, सपा और बसपा पर बरसे ओवैसी, बोले-इनकी नासमझी से दो बार पीएम बने मोदी
यूपी में आगामी 2022 के चुनाव में एआइएमआइएम की ओर से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान को सपा और बसपा ने वोट कटवा करार दिया। इस पर एआइएमआइएम प्रमुख ओवैसी सपा और बसपा पर बरसे।
यूपी में आगामी 2022 के चुनाव में एआइएमआइएम की ओर से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान को सपा और बसपा ने वोट कटवा करार दिया। इस पर एआइएमआइएम प्रमुख ओवैसी सपा और बसपा पर बरसे। साथ ही कहा कि इन दोनों दलों की नासमझी से नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने। ओवैसी यूपी में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जनसभाएं कर रहे हैं, साथ ही उनके समर्थन में आने की अपील कर रहे हैं।ओवैसी ने मंगलवार को लखनऊ में 2022 में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली से अपना अभियान शुरू किया था। AIMIM ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। तब एआइएमआइएम ने 38 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसका खाता नहीं खुला था। उसे केवल 0.2 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, यूपी में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनाव में उसका प्रदर्शन अच्छा था, और पार्टी की ओर से समर्थित 24 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। हालांकि, पिछले साल नवंबर में हुए बिहार चुनावों में एआईएमआईएम की शानदार शुरुआत ने उसके आत्मविश्वास को बढ़ाया है। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा और उसने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें अमौर, कोचाधामन, जोकीहाट, बैसी और बहादुरगंज में जीत हासिल की।
अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री अखिलेश (सपा) एवं मायावती (बसपा) की नासमझी की वजह बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को विरोधियों के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था। अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद ओवैसी सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। राजधानी लखनऊ से लगभग 140 किमी दूर स्थित सुल्तानपुर के बारे में माना जाता है कि इसे भगवान राम के पुत्र कुश ने बनाया।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ”मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया था जबकि अखिलेश ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। ओवैसी ने कहा कि कहा जाता है़ ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा। उन्होंने सवाल किया कि-सुलतानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर से भाजपा कैसे जीती। तब ओवैसी तो चुनाव नही लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नही किया इसलिए हारे? वह क्यों मुसलमानों को कहते हैं कि उन लोगों ने वोट नही दिया। क्या मुसलमान कैदी है? ओवैसी ने ये भी कहा कि-दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटों से नही जीती है।
इस आरोप का विरोध करते हुए कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर ओवैसी भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करेंगे, हैदराबाद के सांसद ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पर तीखा हमला करते हुए ओवैसी ने पूछा कि क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं? उन्होंने कहा कि-अखिलेश और मायावती की ”नासमझी” के कारण नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने। हालांकि वह इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बोले।
ओवैसी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में मजलिस (एआइएमआइएम) तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव जीती। हमने हैदराबाद में भाजपा को हराया। हमें हराने मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। औरंगाबाद में 21 साल से शिव सेना सांसद को मजलिस ने हराया। किशनगंज में हम हार जरुर गए, लेकिन लाखों वोट मिले। उन्होंने कहा कि जहां मैं लड़ता हूं वहां भाजपा नहीं जीतती। हम चाहते हैं कि आपकी आवाज को विधानसभा व संसद में उठाने वाला आपका नुमाइंदा हो। यह तभी होगा जब हम सब अपने लोगों को चुनकर भेजेंगे। सपा, बसपा व कांग्रेस ने आप सबका बहुत खून चूसा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 116 करोड़ रुपये प्रदान किए थे, लेकिन उन्होंने इसमें से केवल 10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली कस्बे की रैली में दावा किया था कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया है और उन्होंने जनता से किए गए खोखले वादों को साबित करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आमने-सामने बहस करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि-क्या मुजफ्फरनगर के दंगाइयों को न्याय के कटघरे में लाया गया है? अयोध्या में मुसलमान बाबरी विध्वंस के बारे में बात करने में भी शर्म या डर क्यों महसूस करते हैं। मंगलवार को उनकी रैली का स्थान धन्नीपुर से लगभग 20 किमी दूर था, जहां राम जन्मभूमि मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत एक मस्जिद बन रही है।





