मणिपुर में आपरेशन लोटस, नीतिश कुमार को लगा झटका, पांच जेडीयू विधायक बीजेपी में शामिल
जानकारी के अनुसार मणिपुर में जेडीयू के विधायक ने पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने का फैसला बीते दिनों बिहार में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को ध्यान में रखकर किया है। सूत्रों के अनुसार ये विधायक बिहार में पार्टी के एनडीए गठबंधन से बाहर आने के फैसले से नाराज चल रहे थे। खास बात ये है कि मणिपुर में जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का ये फैसला नीतीश कुमार के उस ऐलान के बाद किया है, जिसमें उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने कुछ दिन पहले ही मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही थी। हालांकि बीजेपी सूत्रों ने कहा था कि इससे बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में, 60 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसमें जदयू के छह सदस्य शामिल थे। इनमें अब पांच बीजेपी में चले गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जेडीयू को मणिपुर में लगा जोर का झटका
जेडीयू के जिन पांच विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा उनके नाम हैं- केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन। इनके अलावा पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूणकुमार भी बीजेपी में गए हैं। खाउटे और अरूणकुमार ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट की मांग की थी। हालांकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली तो दोनों ने जदयू के टिकट पर चुनाव में दावेदारी की और जीत गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी साल चुनाव जीते थे पांचों विधायक
इन सभी ने इसी साल मार्च में हुए चुनावों के दौरान जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनावों में जदयू के कुल 6 विधायक जीते थे। जदयू ने यहां भाजपा नेतृत्व वाले NDA के बजाय अकेले उतरते हुए 38 सीट पर चुनाव लड़ा था। अब मणिपुर में जदयू का एक ही विधायक बाकी रह गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अरुणाचल में भी भाजपा दे चुकी है जदयू को झटका
यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा ने जदयू के विधायक तोड़े हैं। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने जीतने वाले जदयू विधायकों को अपने खेमे में तोड़ लिया था। अरुणाचल में भाजपा ने सबसे ज्यादा 41 सीट जीती थी, जबकि 7 सीटों पर जीत के साथ जदयू दूसरे नंबर पर रही थी। बाद में जदयू के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। जदयू के शेष बचे इकलौते विधायक तेकी कासो को भी पिछले महीने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करा दी थी। बिहार में भाजपा और जदयू के अलगाव के बाद हुई इस कार्रवाई को नीतीश से बदले की कार्रवाई माना गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नीतीश कुमार ने बिहार में बीजेपी से तोड़ा था गठबंधन
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार में पिछले महीने ही बीजेपी से नाता तोड़ा था। नीतीश कुमार ने बीजेपी (BJP) पर अपमानित करने और जेडीयू को तोड़ने के आरोप लगाते हुए खुद को एनडीए से अलग कर लिया था। इसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) ने आरजेडी (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिलाया। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर सीएम बने और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली थी।