उत्तराखंड सरकार का एक फैसला स्वागतयोग्य, दूसरा फैसला दुर्भाग्यपूर्णः राजेंद्र जोशी
उत्तराखंड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरपी जोशी ने कर्मचारियों को लेकर राज्य सरकार के एक फैसले को स्वागत योग्य बताया। वहीं, उन्होंने दूसरे फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। साथ ही इसकी कड़ी निंदा करते हुए सरकार के पुनर्विचार की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहले कार्मिकों की पुरानी पेंशन छीन ली गई। फिर 10, 16 और 26 वर्ष में पदोन्नत पद की एसीपी का लाभ छीन लिया गया। फिर शिथिलीकरण का मिलने वाला लाभ छीना गया और अब सीसीएल अवकाश के द्वितीय वर्ष में 20 फीसद की वेतन कटौती कर कार्मिकों पर कुठाराघात किया जा रहा है । (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजेंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखंड शासन ने एक जून 2023 के शासनादेश में राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों के साथ साथ एक अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) देकर लाभ पहुँचाने का अच्छा निर्णय लिया गया है। ये निर्णय स्वागतयोग्य है। वहीं, दूसरी ओर कार्मिकों को पहले 365 दिनों में तो अनुमन्य अवकाश का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में अनुमन्य अवकाश का 80 प्रतिशत ही वेतन दिए जाने का प्राविधान किया गया है। यै फैसला अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण है।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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राजेंद्र जोशी ने बताया गया कि पूर्व में जब सरकार द्वारा बाल्य देखभाल अवकाश में पूर्ण वेतन दिया जाता था, तो फिर सरकार द्वारा इस तरह का कार्मिक विरोधी निर्णय लिया जाना समझ से परे है। शासनादेश जारी होने के बाद इस निर्णय से कार्मिकों में विशेषकर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्य़रत महिला कार्मिकों में अत्यन्त रोष व्याप्त है। उनके द्वारा इस 20 फीसद वेतन कटौती का विरोध करते हुए शासन एवं सरकार से अनुरोध किया जा रहा है कि उक्त निर्णय पर पुनर्विचार कर संशोधित बाल्य देखभाल अवकाश को पूर्ण वेतन के साथ लागू किया जाए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।