सीपीएम के सम्मेलन में दूसरे दिन पार्टी की राजनैतिक, सांगठनिक, भविष्य की कार्यनीति पर चर्चा, विभिन्न मुद्दों पर प्रस्ताव पारित
उत्तराखंड में चमोली जिले के कर्णप्रयाग में आयोजित सीपीएम का आठवें राज्य सम्मेलन के दूसरे दिन पार्टी की राजनैतिक, सांगठनिक और भविष्य की कार्यनीति पर चर्चा की गई। इस मौके पर विभिन्न मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए गए। प्रतिनिधि सत्र का उदघाटन करते हुए पार्टी के केन्द्रीय कमेटी सदस्य एवं राज्य प्रर्वेक्षक बिजू कृष्णनन ने वर्तमान राजनैतिक स्थितियों का सामना करने के लिए पार्टी की वैचारिक समझ को बढ़ाते हुए जनमुद्दों उठाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि पार्टी के जनपक्षीय दृष्टिकोण को जनता के मध्य लेकर जाना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा है कि हालांकि पार्टी ने उत्तराखंड में जल, जंगल, जमीन के मुद्दों को लेकर अनेक संघर्ष किए, जिन्हें और अधिक विस्तार देने और तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने डबल इंजन सरकार के रहते राज्य में महिलाओं पर हिंसा, दलितों पर अत्याचार तथा अल्पसंख्यक पर हमले तेज होने पर गहरी चिन्ता प्रकट की। उन्होंने भाजपा की साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ व्यापक संघर्ष चलाने पर बल दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कहा माकपा ने इन मुद्दों सतत संघर्ष किया। इसके चलते डबल इंजन सरकार को कई बार बैकफुट आना पड़ा। उन्होंने कहा कि पार्टी के जनसंगठनों का तेजी से विस्तार कर जनता के व्यापक हिस्से तक पहुंचना होगा। सम्मेलन में राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी ने पार्टी कि राजनैतिक, सांगठनिक, कार्य रिपोर्ट तथा भविष्य की कार्ययोजना पेश की। इस प्रतिनिधि चर्चा कर उन्हें पारित किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन के सांगठनिक सत्र में विचार व्यक्त करते हुए पोलिट ब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद तपनसेन ने मजबूत पार्टी के लिए वैचारिक स्तर बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा हालांकि उत्तराखंड पार्टी ने कई बुनियादी पर हस्तक्षेप कर जनता के व्यापक हिस्से को राहत पहुंचाई, किन्तु इसे पार्टी एवं जनसंगठनों के विस्तार के लिए उपयोग करने कि आवश्यकता है। उन्होंने कहा पार्टी के हस्तक्षेपों से देशव्यापी किसान, मजदूर तथा अनेकों आन्दोलनों ने पिछले लोकसभा चुनावों बीजेपी की बढ़त पर रोक लगाई। उसे अन्य के सहारे सरकार चलाने के लिए मजबूर किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कोरपेरेटपरस्त तथा साम्प्रदायिक नीतियां जनता की एकता लगातार कमजोर करने के षड़यंत्रकारी कार्य में लगी हुई है। इसके खिलाफ निरन्तर संघर्ष करने कि आवश्यकता है। क्योंकि पूंजीवाद वर्तमान में घोर संकट के दौर में गुजर रहा है। परिणामस्वरूप वह सत्ता के माध्यम से हरेक हथकण्डों को अपना रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में पार्टी जिला कमेटी चमोली की ओर से अतिथियों एवं प्रतिनिधियों को स्मृति चिह्न दिये गये। सम्मेलन में छात्र नौजवानों एवं संस्कृति कर्मियों ने जनगीत प्रस्तुत किये। सम्मेलन कि अध्यक्षता सुरेन्द्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, मोहन सिंह रावत, राजाराम सेमवाल के चार सदस्यीय अध्यक्ष मण्डल ने की। स्टेरिंग कमेटी में राजेन्द्र सिंह नेगी, गंगाधर नौटियाल, महेन्द्र जखमोला, राजेन्द्र पुरोहित, भूपाल सिंह रावत शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन सीपीआई को राज्य महामंत्री जगदीश कुलियाल, सीपीआई एमएल के प्रदेश महामंत्री इन्देश मैखुरी ने शुभकामनाये दी। आशा व्यक्त कि सम्मेलन वाममोर्चे एकता को आगे बढाने का कार्य करेगा। सम्मेलन में सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से जिलो से आये प्रतिनिधि चर्चा कर अपने महत्वपूर्ण सुझाव देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में प्रमुख रूप से शिवप्रसाद देवली, मदन मिश्रा, राजेन्द्र नेगी, लेखराज, नितिन मलेठा, अनन्त आकाश, वसीम, कमरूद्दीन, मनमोहन सिंह, राजाराम सेमवाल, भगवान सिंह राणा, शम्भू ममगाईं, बीरेन्द्र गोस्वामी, हिमांशु चौहान, माला गुरूंग, विजय भट्ट, कमलेश गौड़, नरेन्द्र रावत, आरपी जोशी, एनएस पंवार, दमयंती नेगी सहित आदि शामिल रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।