कैग की रिपोर्ट पर आप ने बीजेपी सरकार को घेरा, प्रदेश सरकार का शिक्षा तंत्र को पूरी तरह नाकाम, सीएम कर रहे आप की नकल
कैग की रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में बीजेपी सरकार को घेरा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पीरशाली ने रिपोर्ट के हवाले से उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली को लेकर प्रदेश सरकार पर जम कर निशाना साधा।

आप के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने प्रेस वार्ता में कहा कि महालेखाकार (लेखा परीक्षा-कैग) की ओर से शिक्षा विभाग को लेकर हाल ही में रिपोर्ट सौंपी गई है। इसमें राज्य सरकार की नाकामियों का खुलासा हुआ है। पिरशाली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करा पाई है।उन्होंने बताया कि कैग के ऑडिट से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीने का पानी तक उपलब्ध कराने में भाजपा सरकार नाकाम रही है। यही नहीं सूबे के सैकड़ों स्कूलों में आज भी टॉयलेट, बिजली, रैंप जैसी बुनियादी जरूरतें सरकार पूरी नहीं कर पाई है।
उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अल्मोड़ा जिले के विकासखंड सल्ट ब्लॉक के मूनड़ा गांव का उच्च प्राथमिक स्कूल भाजपा सरकार के निकम्मेपन का जीता जागता प्रमाण है, जहां छोटे बच्चों को पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। नमामि गंगे मिशन के तहत इस स्कूल में पानी का कनेक्शन लगने के बाद भी आज तक पानी नहीं पहुंच पाया है, जो सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनूड़ा गांव का सरकारी स्कूल भाजपा सरकार की नाकामियों का उदाहरण भर है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में ऐसे कई सरकारी स्कूल हैं, जहां बच्चों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार बच्चों को पीने का पानी तक उपलब्ध कराने में नाकाम है, वो सरकार शिक्षा का स्तर क्या खाक सुधारेगी ?
आप प्रवक्ता ने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने न केवल स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था न होने का खुलासा किया है, बल्कि यह भी खुलासा किया है कि कई सरकारी स्कूलों में बिजली, शौचालय तथा अन्य जरूरी सुविधाओं का अभाव है। पिरशाली ने कहा कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत जारी किए गए कुल बजट में से 19.04 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ये धनराशि स्कूलों में पानी, बिजली शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जारी की गई थी। निकम्मापन देखिए कि आज तक यह पैसा खर्च ही नहीं किया गया।
पिरशाली ने कहा कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने पर सरकारी स्कूलों में क्रांतिकारी बदलाव लाकर उन्हें संवारा जाएगा। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने का काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में सैकड़ों सरकारी स्कूलों पर ताला लग चुका है और कई स्कूलों को बंद किए जाने की तैयारियां पर्दे के पीछे से चल रही हैं। जो स्कूल चल रहे हैं उनकी बदहाली कैग ने बयान कर दी है। पिरशाली ने कहा कि प्रदेश सरकार का शिक्षा तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका है।
पिरशाली ने कहा कि आज उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। जिस सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने का काम करना चाहिए, वो सत्ता सुख में लीन है। उन्होंने कहा कि पांच साल में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने का दावा करने वाली भाजपा केवल और केवल मुख्यमंत्री का चेहरा बदलती रही। पूरे पांच साल भाजपा के मंत्रियों, विधायकों में सत्ता की मलाई पाने की होड़ मची रही। विधायकों से लेकर मंत्रियों और तीनों मुख्यमंत्रियों का सारा फोकस अपना भला करने पर रहा। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था सुधारने की भला उन्हें कब फुर्सत मिलती।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ही वह विकल्प है जो उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की पहचान ही शिक्षा व्यवस्था में क्रांति लाने को लेकर हुई है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो शानदार सुधार किए हैं, उनकी न केवल देश में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी आज प्रदेश में विकल्प बन कर आई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार किए हैं, उसी तरह उत्तराखंड में भी आप की सरकार बनने के बाद शिक्षा क्रांति आएगी। इस दौरान पत्रकार वार्ता में संगठन मंत्री डोईवाला अशोक सेमवाल, संगठन मंत्री रायपुर रवि बांगिया मौजूद रहे।
आप के वादों की नकल कर सियासी नौटंकी कर रहे सीएम धामीः अमित जोशी
उत्तराखंड में आप उपाध्यक्ष अमित जोशी ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के शीर्ष नेता ने उत्तराखंड दौरे पर प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में 80 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी। इसके बाद अब बीजेपी भी आप पार्टी के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रदेश के युवाओं को 70 फीसदी आरक्षण देने की बात कर रही है।
उन्होंने कहा कि जब से आप पार्टी ने उत्तराखंड में अपनी दस्तक दी है, तब से ही अन्य राजनीतिक दलों को काम की राजनीति करने के लिए मजबूर होना पड रहा है। आप पार्टी की घोषणाओं के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अब आप के मुद्दों को लेकर घोषणाएं कर रहे हैं। रुद्रपुर दौरे के दौरान धामी ने कहा कि उत्तराखंड के उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा। धामी जी ने कहा कि उनकी सरकार स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम से किए ये सवाल
उन्होंने सीएम से सवाल किए कि 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की बात भाजपा सरकार को आखिर इतनी देर से क्यों याद आई ? साढ़े चार साल तक भाजपा की सरकार कहां सोई हुई थी ? जब औद्योगिक इकाइयों से उत्तराखंड के युवाओं को निकाला जा रहा था, कोरोना काल में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा था, तब भाजपा की सरकार क्या कर रही थी ?
सीएम बनने के तीन माह बात आई युवाओं की याद
उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी को 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन तब उन्हें युवाओं की याद नहीं आई और चुनाव नजदीक आते ही उन्हें युवाओं को रोजगार देने की याद सता रही है। आप उपाध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ जनता को गुमराह करने और मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस तरह की हवा हवाई बातें मुख्यमंत्री धामी कर रहे हैं। उन्होंनें कहा कि प्रदेश के मुखिया का युवाओं को स्थानीय उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण देने का मतलब है कि उनसे पहले रहे मुख्यमंत्रियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अगर वाकई में इन साढ़े चार सालों में बीजेपी सरकार ने 70 प्रतिशत रोजगार यहां के स्थानीय युवाओं को दिया होता तो आज मुख्यमंत्री को ये बात कहने के लिए बाध्य नहीं होना पडता।
उन्होंने कहा कि, बीती 19 सितंबर को हल्द्वानी दौरे के दौरान पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने यहां बढ़ रही बेरोजगारी को खत्म करने के लिए 6 महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी। इसके बाद से ही कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों की नींदें उड़ गई हैं। अरविंद केजरीवाल की इस घोषणा का दोनों ही दल कोई तोड़ नहीं ढूंढ पा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने बिजली मुफ्त देने की बात की तो बीजेपी के मंत्री ने भी मु्फत बिजली देने की बात की। हालांकि मुख्यमंत्री ने बाद में यह कह कर पल्ला झाड दिया था कि यह सरकार के बस की बात नहीं है। हमने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात की, तो मुख्यमंत्री ने भी यही घोषणा सार्वजनिक मंच से कर दी। अब अरविदं केजरीवाल ने रोजगार में स्थानीय युवाओं को 80 फीसदी आरक्षण देने की बात की तो अब मुख्यमंत्री अब 70 फीसदी आरक्षण पर सख्ती की बात कर रहे हैं। यानी अगर केजरीवाल जी 80 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का वादा नहीं करते तो धामी जी को 70 प्रतिशत रोजगार की बात याद ही नहीं आती।
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री जी की इस सियासी नौटंकी की असलियत को समझ चुकी है। अब जनता और ज्यादा बीजेपी के झांसे में नहीं आने वाली। उत्तराखंड का युवा, भाजपा का असली चेहरा पहचान चुका है। उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि नकल के लिए भी अकल की जरुरत होती है, जो बीजेपी के पास नही है। अब प्रदेश की जनता बीजेपी के खोखले दावों से तंग आ चुकी है और आप पार्टी में उन्हें सभी उम्मीदें नजर आ रही हैं ,जो सरकार बनते ही सबकी कसौटी पर पूरी तरह खरा उतरेगी।
नोटः आप का दावा है कि उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात सबसे पहले उन्होंने की, लेकिन ये दावा सही नहीं है। इससे पहले से उत्तराखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक एवं सेवानिवृत्त आइएएस एसएस पांगती इस मांग को उठा रहे हैं। साथ ही वह इस पर एक पुस्तक भी लिख चुके हैं। इस पुस्तक का नाम आध्यात्म और व्यासऋषि है।