बकरीद के मौके पर जामा मस्जिद के साथ ही देशभर में नमाज अदा करने का दौर शुरू, अब देंगे कुर्बानी
आज ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार है। इस मौके पर दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज अदा की गई। नामज के बाद लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। सुबह पांच बजे से ही ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर जामा मस्जिद में नमाज़ अदा करने लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। इसके बाद से ही देशभर में मस्जिद, ईदगाह आदि में नमाज अदा करने का दौर शुरू हो चुका था। इस दिन नमाज के बाद बकरों की कुर्बानी भी दी जाती है। वहीं, राज्यों में जिला प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी ना देने की अपील की गई है। जामा मस्जिद के पास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ईद अल-अधा के पवित्र त्योहार के अवसर पर अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पवित्र त्योहार भारत और बांग्लादेश के लोगों को और भी करीब लाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईद उल अजहा बृहस्पतिवार को मनाई जा रही है। एक दिन पहले मंडियों में कुर्बानी के लिए पशुओं की जमकर खरीदारी हुई। लोगों ने पशुओं में सबसे अधिक बकरों को खरीदा। राजस्थान व उत्तर प्रदेश के बकरों की खूब बिक्री हुई। ईद को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में उत्साह का माहौल है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, 12वें महीने जु-अल-हिज्जा की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है। यह तारीख रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बकरीद पर कुर्बानी का महत्व
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की इबादत में खुद को समर्पित कर दिया था। एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा ली और उनसे उनकी कीमती चीज की कुर्बानी मांगी। तब उन्होंने अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बानी देनी चाही। लेकिन तब अल्लाह ने पैगंबर हजरत इब्राहिम के बेटे की जगह वहां एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी। कहते हैं कि तब से ही मुसलमानों में बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देनी की परंपरा शुरू हुई।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।