डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर युवक संघ ने निकाला कैंडल मार्च, कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलि

भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ ने अंबेडकर चौक (पूर्व में डीएल रोड चौक) पर एकत्र होकर कैंडल मार्च निकाला। वहीं, कांग्रेसियों ने बाबा साहेब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोषित एवं वंचित वर्ग के लिए संघर्षरत रहे महान समाज सुधारक, प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं भारतीय संविधान के निर्माता “भारत रत्न” डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर मुख्यमंत्री आवास पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक उत्थान एवं जनसेवा हेतु डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा किए गए कार्य चिर काल तक समाज को नई दिशा देते रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
युवक संघ ने निकाला कैंडल मार्च
अंबेडकर चौक पर अखिल भारतीय अम्बेडकर युवक संघ के बैनर तले लोग एकत्र हुए और कैंडल मार्च निकाल कर डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। कैंडल मार्च अम्बेडकर चौक से शुरू हो कर विभिन्न मोहलों से होते हुए अम्बेडकर की प्रतिमा तक पहुंचकर समाप्त हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि छह दिसम्बर को बाबा साहेब अंबेडकर के परिनिर्माण दिवस पर हम सभी को संविधान की रक्षा करनी होगी। क्योंकि, आज मनुवादी शक्तियां संविधान को हटा कर मनुस्मृति को लाना चाहती है। इसका सभी देशवासियों को विरोध करना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय सचिव एवं डीएवी पीजी कॉलेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष लेखराज ने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने सिर्फ दलितों को ही अधिकार नही दिलाए, बल्कि उन्होंने देश के हर नागरिकों को अधिकार दिलवाए है। उन्होंने कहा कि उन्होंने शोषण विहीन समाज की स्थापना के लिए कार्य किया। उनका सपना था कि देश मे सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी अधिकार मिले। आज शासक वर्ग द्वारा इन अधिकारों को छिनने का काम किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अखिल भारतीय अम्बेडकर संघ के अध्यक्ष एवं एससी/एसटी कर्मचारी अधिकारी संघ के अध्यक्ष शिव लाल गौतम, महामन्त्री अशोक कुमार, कोषाध्यक्ष दिलेराम रवि, पंकज गौतम, हेमन्त कुमार, यादराम सिंह, दीपक पंवार, कली राम, नरेंद्र गौतम, आंगनवाड़ी यूनियन से सीमा सिंह, नीलम वर्मा, अनिता, तारा देवी, आशा यूनियन से लोकेश देवी, महिला नेत्री सुमन सिंह आदि मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रतिमा पर माल्यार्पण
भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जी 68वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घंटाघर स्थित डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरान्त कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में डॉ अम्बेडकर के चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर करन माहरा ने कहा कि बाबा साहब एक ऐसी विभूति थे, जिन्होंने देश को एक शानदार संविधान दिया। जो देश में लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता, बंधुता, न्याय, तथा लोकल्याण का मूल स्रोत है। आज बाबा साहब द्वारा रचित संविधान एवं संवैधानिक मूल्यों पर सत्ताधारी दल द्वारा लगातार हमले किये जा रहे हैं। बाबा साहब और उनके मूल्य तथा विचारधारा कांग्रेस पार्टी की भी अमूल्य धरोहर हैं। इन्हें संजोकर रखना हम सबका दायित्व है। बाबासाहब ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के वंचित वर्गों के कल्याण हेतु समर्पित कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि आज जो लोग सत्ता में बैठें हैं वह लगातार संविधान की हत्या करने पर उतारू हैं। केवल कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा ही उस भारत के विचार का प्रतिनिधित्व करती है जिसकी कल्पना भारतीय संविधान तथा अपने विचारों में बाबासाहब अम्बेडकर ने की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बाबासाहब अम्बेडकर को नमन करते हुए देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि बाबासाहब वंचित, शोषित वर्गों के साथ साथ महिला, अल्पसंख्यक आदि समाज के सभी वर्गों के उद्धारक थे। उनका जीवन सभी भारतीयों को प्रेरित करता है कि किस प्रकार प्रतिकूल परिस्थितियों में न केवल सफलता के शिखर पर पहुंचा जा सकता है, बल्कि समाज की भलाई में भी असाधारण योगदान दिया जा सकता है। कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें सादर नमन करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश महामंत्री मनीष नागपाल, राजेश उनियाल, वीरेंद्र बिष्ट, विजय भट्टराई, राजेंद्र राज, जमीर हसन, देवेन्द्र सिंह, उदय सिंह रावत, अरुण बलोनी, लकी राणा, परवीन कश्यप, अभिषेक तिवारी, शहजाद अंसारी, राजेश पुंडीर, मुकीम अहमद, शाहिद अहमद, वीरेंद्र पवार, शकील मंसूरी, रवि हसन, लेखराज , अशोक कुमार, वकार अहमद, मरगूब आलम, ध्रुव, विजेंद्र चौहान, मनीष, विनय कुंदन, शिवराम, ओम प्रकाश, दीपक पवार, प्रेम कुमार, देवेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समाज में समानता के बिना सच्ची स्वतंत्रता नहींः सूर्यकांत धस्माना
समाज में जब तक गैर बराबरी जातीय व लिंग के आधार पर भेद भाव होता रहेगा तब तक सही मायनों में हम स्वतंत्र नहीं कहलाये जा सकते। यह संदेश डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के सबसे प्रमुख उपदेशों में से एक है। ये बात बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर देहरादून में कांवली के शास्त्री नगर में आयोजित “बाबा साहेब डॉक्टर अंबेडकर के उपदेश” गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की जयंती या परिनिर्वाण दिवस मनाने का तभी लाभ है, जब हम बाबा साहेब के उपदेशों को सुनें। उनके संदेशों को मानें व उनके दिखाए मार्ग पर चलें। धस्माना ने कहा कि बाबा साहेब का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संदेश जो समाज को उन्होंने दिया वह है- शिक्षित बनो, संगठित रहो और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करो। धस्माना ने कहा कि बाबा साहेब का तीसरा बड़ा संदेश था कि देश के सभी नागरिक बराबर हैं और उनको जाति धर्म भाषा खानपान पहनावे या अमीर गरीब के हिसाब से बड़ा या छोटा नहीं माना जा सकता। सबके अधिकार व कर्तव्य बराबर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपने जीवन के दर्शन व सिद्धांतों को देश के संविधान में भी समाहित किया। श्री धस्माना ने इस अवसर पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्राद्धाजंलि अर्पित की। धस्माना ने क्षेत्र की गरीब एवं वृद्ध महिलाओं को कम्बल वितरित किये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता अंबेडकर महासंघ के संरक्षक व ओएनजीसी के अवकाश प्राप्त महाप्रबंधक राजेन्द्र राज ने की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने एक अत्यंत गरीब व अनुसूचित जाति के परिवार में उस दौर में जन्म लिया जब गरीब होना और ऊपर से अनुसूचित जाति का होना अपने आप में दोहरा अभिशाप था। इसके बावजूद प्रखर बालक भीम राव ने गरीबी व जातीय भेद भाव की विभीषिका को झेलते अपनी बौद्धिक क्षमता व मेहनत से शिक्षा के उच्चतम सोपान को छुआ। ये अपने आप में उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो समाज में कहीं न कहीं गरीबी या जातीय भेदभाव के शिकार हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज डॉक्टर अंबेडकर के सिद्धांतों व उनके बताए हुए रास्ते को न केवल भारत, बल्कि पूरा विश्व मानता है। कार्यक्रम संयोजक अवधेश कथिरिया ने कहा कि आज सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ लोग आज भी डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं और उनके द्वारा बनाये गए संविधान को नहीं मानते ऐसे लोगों के खिलाफ आज की सरकारें भी कार्यवाही नहीं करती। कार्यक्रम में मनोज कुमार, जितेंद्र सिंह, गोविंद, संजय कुमार, विजय वैद्य, अनिता दास, राम कुमार थपलियाल, प्रवीण कश्यप समेत बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।