एक तरफ आजादी का जश्न, दूसरी तरफ महिला श्रमिकों का शौचालय तक पीछा करते प्रबंधन के लोग
एक तरफ आज देश आजादी का जश्न मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे सुनकर हर एक का दिल हिल जाएगा। ये खबर भी उत्तराखंड के देहरादून में सहसपुर क्षेत्र की है। जहां महिला श्रमिकों ने प्रबंधन से जुड़े लोगों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। आरोप है कि उन्हें परेशान करने के लिए प्रबंधन से जुड़े लोग शौचालय तक उनका पीछा करते हैं। इसे लेकर सीटू से संबद्ध इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन ने एक दिन पहले 14 अगस्त को धरना दिया। सूचना पर सहसपुर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने आरोपों को गंभीरता से लिया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर धरना समाप्त किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में सहसपुर स्थित सीटू से संबद्ध इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन ने सहसपुर में हर्ष ब्यूटी केयर एंड पैकेजिंग प्रा. लि. सारा इंडस्ट्रीज रामपुर सहसपुर देहरादून में 14 अगस्त को धरना दिया। या कहें कि हड़ताल आरंभ कर दी थी। यूनियन ने महिला उत्पीड़न का आरोप लगाया। साथ ही मांगों को लेकर भी प्रदर्शन किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर सीटू के जिला महामन्त्री लेखराज ने बताया कि उक्त संस्थान में श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। जब कर्मचारी अधिकार की मांग कर रहे हैं, वहीं प्रबंधन उनका उत्पीड़न कर रहा है। मैनेजर, कैशियर आदि महिलाओं का यौन उत्पीड़न तक कर रहे हैं। शौचालय तक उनका पीछा किया जाता है। उनसे अश्लील बातें कर उन्हें डराया जाता है। ऐसे में महिलाओं के साथ ही अन्य श्रमिकों में रोष है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि उक्त उद्योग में मजदूरों से 12 -12 घंटे काम करवाया जाता है। जब मजदूरों ने एक्ट के मुताबहिक, नियमानुसार डबल भुगतान की मांग प्रबंधन से की, तो उनके द्वारा मजदूरों का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया। दो मजदूरों की सेवाएं समाप्त कर दी गयी। यही नहीं श्रमिकों से मशीनों पर काम कराया जाता है, लेकिन वेतन अकुशल श्रेणी का ही दिया जाता है। कई साल से वार्षिक वेतन वृद्धि तक नही की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे में मजदूरों को फैक्ट्री का गेट पर धरना देने के लिए विवश होना पड़ा। इस पर मैनेजमेंट ने पुलिस को मौके पर बुलवाया, लेकिन पुलिस ने श्रमिकों के आरोपों को गंभीरता से लिया। साथ ही यौन शोषण के आरोपों को लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर धरना समाप्त किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि उक्त फैक्ट्री में महिलाएं काम करती है, किंतु वहां पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यौन उत्पीडन के खिलाफ कमेटी का गठन नहीं किया गया है। किसी अन्य फैक्ट्री या संस्थान में ऐसी व्यवस्था नही की गई है। जो कि सर्वोच्च न्यालय के आदेशों का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि महिला कामगारों से इस तरह का अभद्र व्यवहार किसी भी दशा में सहन नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सहसपुर के पूर्व ग्राम प्रधान सुंदर थापा ने भी फैक्ट्री गेट पर पहुंच कर मजदूरों का समर्थन किया। साथ ही दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही एक शिकायत उप श्रमायुक्त देहरादून को भी दी गई। ताकि उक्त संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों में सीटू के उपाध्यक्ष भगवंत पयाल, सचिव रामसिंह भंडारी, संजू कुमार, रामप्रसाद गुप्ता, उद्दल, शिवप्रसाद, सचिन सिंह, सुधीर, रूदल, तरनजीत, मोहन लाल, धर्मेंद्र कुमार, विजय, राहुल, सुनीता, कुलमती, छोटी, रेणु, गायत्री, सुमन, पूनम अवस्थी, प्रेमजीत, रामरानी, राधारानी, बिलाल, सोनू कुमार आदि शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मांग
-महिला उत्पीड़न के आरोपियों को गिरफ्तार करो।
-यौन उत्पीडन के खिलाफ कमेटी का गठन किया जाए।
-मजदूरों की नियमानुसार वेतन व्रद्धि की जाए।
-बर्खास्तश्रमिको को वापस काम पर लिया जाए।
-ओवर टाइम का भुगतान डबल किया जाए।
-पूर्व में किये गए ओवर टाइम का भुगतान भी किया जाए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।