अंक ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंकज कलखुड़िया ने बाबा रामदेव के बयान पर किया पलटवार, दी शास्त्रार्थ की खुली चुनौती
योग गुरु बाबा रामदेव के ज्योतिष को लेकर दिए गए बयान पर बवाल बढ़ता जा रहा है। पहले बाबा रामदेव ने एलोपैथ पद्धति को लेकर बयान देकर चिकित्सकों के पंगा ले लिया था। ये मामला कुछ शांत हुआ तो अब ज्योतिष को लेकर उनके बयान ने फिर नया विवाद पैदा कर दिया। बाबा रामदेव ने कहा था कि ज्योतिष विद्या ने क्यों नहीं कोरोना काल के बारे में पहले जानकारी दी। सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं।
बाबा रामदेव के बयान पर भारत के अंक ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पिथौरागढ़ निवासी पंकज कलखुड़िया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव स्वयं भी ज्योतिष को मानते हैं, पर आर्य समाज को मानने के कारण वह इसे दर्शाते नहीं है। उन्होंने बताया कि 2019 में देहरादून में हुई एक कांफ्रेस में जब मैं उनके साथ बैठा था तो उस समय भी उन्होंने ऐसे बयान दिये थे। मेरे विरोध करने के कारण आचार्य बालकृष्ण ने मध्यस्थता कर उस समय विवाद को टाल दिया था।
उन्होंने कहा कि ज्योतिष और योग एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। क्योंकि जो ज्योतिष को नहीं मानता वो वेदो को कैसे मान सकता है। ज्योतिष और आयुर्वेद दोनों ही वेदों की उत्पत्तियां हैं। वेद के छः अंग है, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छन्द और ज्योतिष। अर्थात ज्योतिष वेद का अंग हैं। ज्योतिष और वेद को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जो ज्योतिष को नकारता है वह वेदो को भी नकारता है और हिन्दुत्व को भी नकारता है। क्योंकि वेदों पर हिन्दुत्व की आस्था है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव को खुद का कार्य बेहतर लगता है तो दूसरी ओर वह औरों के कार्य को इंडस्ट्री कहते हैं। बाबा ने सबसे पहले खुद के गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए। एक बाबा होकर कपड़े और राशन बेचना क्या योग का हिस्सा है। बाबा रामदेव को मैं शास्त्रार्थ हेतु खुली चुनौती पेश करता हूं। ज्योतिष के प्रति उनके इस दोहरे रवैए को ज्योतिष जगत कभी माफ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक ओर बाबा रामदेव जैसे लोग ज्योतिष को बदनाम कर रहे हैं तो दूसरी और आचार्य बालकृष्ण जैसे लोग ज्योतिष जगत की शरण में रहते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
रामदेव पगला गया है