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June 26, 2025

उत्तराखंड के माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिला एनएसयूआई का प्रतिनिधिमंडल, निजी पब्लिकेशन की किताबों का किया विरोध

उत्तराखंड में निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि और प्राइवेट पब्लिकेशन की किताबें खरीदने के विरोध में एनएसयूआई के प्रतिनिधिमंडल ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मुलाकात की। आरोप लगाया गया कि शिक्षा विभाग की ओर से ही प्राइवेट पब्लिकेशन की बुक लगवाने के लिए पत्र जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में किताबों के नाम पर लूट खसौट और बढ़ गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा की सरकार द्वारा निजी पब्लिकेशन की किताब ले लिए निजी स्कूलों पर दवाब बनाया जा रहा हैं। जब सरकार ही निजी स्कूलों एवं निजी पब्लिकेशन के साथ खड़ी रहेगी तो जनता के हित के फैसले कौन लेगा। इस मौके पर शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भी दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में संगठन के राष्ट्रीय संयोजक प्रदीप तोमर, प्रदेश सचिव मुकेश बसेरा, हरजोत सिंह, प्रांचाल, नोन्नी, पुनीत राज आदि कार्यकर्ता शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन के बिंदु
1. विगत काफी समय से बेहताशा मंहगाई बढ़ गई है। इससे आम जनता की कमर टूट चुकी है। ऐसी दशा में निजी स्कूल सचालकों ‌द्वारा इस वर्ष भी फीस में वृद्धि की जा रही है। इससे अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ जायेगा तथा इससे बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में व्यवधान उत्पन्न होगा। ऐसे में फीस वृद्धि पर रोक लगाई जाए।
2. कुछ निजी स्कूलों ‌द्वारा हर वर्ष स्लेबस को बदलने का व्यवसाय शुरू कर दिया है। इसके कारण अभिभावकों से किताबों के नाम पर भी लूट-खसोट मची हुई है। इसका कारण यह है कि कुछ निजी स्कूल संचालकों की बुक पब्लिशिंग हाउस संचालकों के साथ कमीशनखोरी तय है। इसका खमियाजा आखिर में अभिभावकों को ही उठाना पड़ता है। ऐसी लूट खसौट पर अंकुश लगाया जाए।
3. प्रदेश के सभी विद्यालयों मे प्रवेश आरटीई के अधीन ही करना सुनिश्चित किये जाये।
4. शिक्षा विभाग की ओर से निजि विद्यालयों से अभिभावक संघ की सूची प्राप्त की जाए।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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