अब खोजे जाएंगे चारधाम के पुराने पैदल मार्ग, 25 सदस्यीय दल हुआ रवाना, सीएम धामी ने दिखाई हरी झंडी
बताया जाता है कि पहले चारधामों पैदल मार्ग से परस्पर एक दूसरे से जुड़े हुए थे। एक धाम से दूसरे धाम तक जाने के लिए तब शार्टकट रास्ते हुआ करते थे। बताया तो यहां तक जाता है कि केदारनाथ धाम से बदरीनाथ धाम के लिए हर दिन रावल पैदल जाते थे और वापस भी लौट आते थे। अब इन्हीं रास्तों को खोजने की कवायद शुरू हो गई है। इसी तरह गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए भी पैदल रास्ते थे। अब इन रास्तों की सच्चाई जाने के लिए दल रवाना हो गया है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालय के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा। दल की ओर से यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जायेगा। दल पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रेकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक पूनम चंद मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।