अब उत्तराखंड के कर्मचारी और शिक्षक संगठन फिर आए एक मंच में, मांगों को लेकर लड़ेंगे एक साथ, जानिए क्या है मांग
लगातार शासन और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के बावजूद भी जब मांगों पर सुनवाई नहीं हो रही है तो उत्तराखंड के कर्मचारी, शिक्षकों के एक मंच पर आ गए हैं। इसके लिए फिर से उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का गठन कर दिया गया। गौरतलब है कि पहले भी विभिन्न संगठनों को मिलाकर ये समन्वय समिति गठित थी। यही नहीं, राज्य आंदोलन में तो कर्मचारियों और शिक्षकों से साथ ही विभिन्न संगठनों ने एक मंच में आकर आंदोलन को धार दी थी। अब उत्तराखंड सचिवालय संघ को समन्वय समिति से पृथक कर प्रदेश के कार्मिकों के समस्त परिसंघों को सम्मिलित कर करते हुए समिति का विधिवत पुर्नगठन कर दिया गया।
बैठक में ये संगठन हुए शामिल
आज सोमवार यानी की दो अगस्त को यमुनाकालोनी स्थित सदभावना भवन में हुई बैठक में प्रदेश के विभिन्न मान्यता प्राप्त संघों व परिसंघों के पदाधिकारी शामिल रहे। इन संगठनों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनिर्यस महासंघ, राजकीय वाहन चालक महासंघ, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ, वैयक्तिक अधिकारी एवं वैयक्तिक सहायक कर्मचारी महासंघ, इंजीनियरिंग ड्राइंग सर्विसेज फैडरेशन, सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
ये हुआ निर्णय
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों एवं शिक्षकों की एक समान लम्बित मांगों के सम्बन्ध में पूर्व में गठित उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का पुर्नगठन किया जाए। जिसके परिप्रेक्ष्य में आज उत्तराखंड सचिवालय संघ को समन्वय समिति से पृथक कर प्रदेश के कार्मिकों के समस्त परिसंघों को सम्मिलित कर विधिवत पुर्नगठन कर दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि समन्वय समिति में सम्मिलित पदाधिकारी मांग पत्र के संबंध में पुनः बैठक आहूत कर मांग पत्र पर अन्तिम निर्णय लेकर प्रदेशव्यापी आन्दोलन की रणनीति तय कर आन्दोलन की घोषणा करेगें।
इन मांगों के लिए होगा संघर्ष
-10-16-26 वर्ष की सेवा में एसीपी पदोन्नति वेतनमान के साथ लागू करना।
-11 प्रतिशत डीए में भारत-सरकार की भांति वृद्धि करना।
-गोल्डन कार्ड विसंगति दूर करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएचएस की व्यवस्था लागू की जाए। 50 प्रतिशत प्रीमियम लिया जाए।
-पदोन्नति में शिथिलिकरण की पूर्व व्यवस्था लागू की जाए।
-मिनिस्टियल एवं वैयक्तिक सहायकों से एसीपी की वसूली निरस्त की जाए।
-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्टाफिंग पैटर्न का लाभ देते हुए ग्रेड वेतन 4200 अनुमन्य किया जाए।
-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन 2400 इग्नोर करते हुए ग्रेड वेतन 4800 अनुमन्य किया जाए।
-प्रदेश में पुरानी पेशन व्यवस्था लागू की जाए।
-इन्दु कुमार पाण्डे समिति को भंग कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक माह में कार्मिको के लम्बित मांगों का निस्तारण किया जाए।
ये रहे उपस्थित
बैठक में परिसंघों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इनमें इ. हरिशचन्द्र नौटियाल, प्रताप सिंह पंवार, पूर्णानन्द नौटियाल, सुनिल दत्त कौठारी, पंचम सिंह बिष्ट, शक्ति प्रसाद भट्ट, अरूण पाण्डे, ठाकुर प्रहलाद सिंह, सुभाष देबलियाल, चौधरी ओम वीर सिंह, बनवारी सिंह रावत, अन्नत राम शर्मा, निशंक सिरौही, दीपचन्द बुडाकोटी, महावीर सिंह तोमर, केदार सिंह फरस्वाण, संदीप कुमार मोर्य, नन्दकिशोर तिपाठी, राकेश रावत, बिक्रम सिंह मनवाल, गुडडीमटुरा, चमनलाल डोगरा के अतिरिक्त विभिन्न संघों व परिसंघो के पदाधिकारी मौजूद थे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।