अब सॉफ्टवेयर कंपनी एसएपी पर भी मंदी की मार, की जाएगी 3000 हजार कर्मियों की छंटनी
वर्ष 2023 नौकरी के लिहाज से अच्छा नहीं घट रहा है। हर दिन टेक कंपनियों में से औसतन 3,000 लोगों की नौकरी जा रही है। वैश्विक आर्थिक संकट और मंदी की चिंताओं के बीच छंटनी की रफ्तार और तेज होने की आशंका है। जनवरी माह में अब तक 166 टेक कंपनियों ने 65,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। अब जर्मनी की सॉफ्टवेयर कंपनी SAP पर भी मंदी का असर दिखने लगा है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि वो आने वाले दिनों में अपने यहां काम कर रहे तीन हजार कर्मचारियों की छंटनी करेगी। पारंपरिक सॉफ्टवेयर और क्लाउड-आधारित कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान करने वाला वाल्डोर्फ आधारित समूह ने कहा कि उसने अपने मुख्य व्यवसाय को मजबूत करने और दक्षता में सुधार करने के लिए टारगेटेड रिस्ट्रक्चरिंग करने की योजना बनाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
AFP के अनुसार वर्ष 2022 के नतीजों का खुलासा करते हुए कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस प्रोग्राम से SAP के लगभग 2.5 प्रतिशत कर्मचारियों प्रभावित हो सकते हैं। विश्वभर में फिलहाल SAP के साथ 120000 कर्मचारी काम करते हैं। अगर इनमें से ढाई फीसदी को बाहर निकाला जाता है तो इसका मतलब ये हुआ कि कुल 3000 कर्मचारियों को कंपनी बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बता दें कि एसएपी से पहले दुनिया में आर्थिक मंदी की आहट के बीच ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने बड़ा भी छंटनी करने का बड़ा ऐलान किया था। अमेजन ने कहा था कि वह करीब 18 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है। छंटनी की ये प्रक्रिया 18 जनवरी से शुरू होगी। सीईओ एंडी जेसी के शेयर किए गए नोट के मुताबिक, इस बड़ी छंटनी का सबसे ज्यादा असर कंपनी के ई-कॉमर्स और मानव-संसाधन (HR) सेक्शंस में काम कर रहे कर्मचारियों पर पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कई कंपनियां कर चुकी हैं छंटनी की घोषणा
गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट ने 12,000 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है। माइक्रोसॉफ्ट ने 10 हजार नौकरियों को खत्म करने की बात कही है तो अमेजन भी 18,000 लोगों को निकालने की घोषणा कर चुकी है। इसमें से 1000 कर्मचारी भारत में काम कर रहे हैं। साल, 2022 में एक हजार से ज्यादा कंपनियों ने 1,54,336 लोगों को नौकरी से निकाला था। इन सबके बीच शेयरचैट भी कुल कर्मचारियों में से 20 फीसदी या 500 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने की योजना बना चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विप्रो ने निकाले 400 कर्मचारी
विप्रो ने 400 कर्मचारियों को उनके खराब प्रदर्शन के कारण निकाल दिया। साइबर सिक्योरिटीज कंपनी सोफो ने भारत में 450 लोगों को बाहर करने की बात कही है जबकि लिंक्डइन ने भी छंटनी की योजना तैयार की है। भारत में एंड टू एंड डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म मेडिबडी ने अपनी वर्कफोर्स में से 8 फीसदी या करीब 200 लोगों की छंटनी की है। स्विगी ने भी 380 लोगों को बाहर करने की योजना बनाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूरत में हीरा श्रमिकों की हालत खराब
उत्पादन में कटौती और छोटी इकाइयों के बंद होने के कारण सूरत में पिछले कुछ माह में ही करीब 10,000 हीरा श्रमिकों की नौकरी चली गई है। 31 वर्षीय एक हीरा व्यापारी विपुल जिंजला ने बृहस्पतिवार को जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उनके भाई ने बताया कि पिछले कुछ महीने से वे आर्थिक तंगी में थे। सूरत डायमंड के अध्यक्ष रमेश जिलारिया ने कहा कि विपुल अकेले नहीं हैं। हजारों श्रमिक अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने की मांग
श्रमिक संघ श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करने व इसे फैक्टरी अधिनियम के तहत कवर करने की मांग कर रहा है। श्रमिकों को भविष्य निधि, निश्चित काम के घंटे और अन्य सामाजिक व स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ देने की मांग हो रही है। श्रमिक संघ का कहना है कि हीरा श्रमिकों के पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। वेतन पर्ची नहीं मिलती है और आयकर रिटर्न भी दाखिल नहीं कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आयात में कमी से घटा उत्पादन
जेम्स एंड जूलरी प्रमोशन काउंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय मंगुकिया बताते हैं कि यह सच है कि उत्पादन में 20 से 21 फीसदी की कमी आई है, क्योंकि क्रिसमस के दौरान अमेरिका और अन्य देशों से आयात में 18 फीसदी की गिरावट आई थी। आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2022 में देश का तैयार हीरा निर्यात 235.70 करोड़ डॉलर रहा, जो दिसंबर 2021 के 290 करोड़ डॉलर के निर्यात से 18.90% कम है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।