अब उत्तराखंड में 16 अगस्त से खुलेंगे छठी से आठवीं तक के स्कूल, ऊपरी कक्षाओं में उपस्थिति ना के बराबर
कोरोना के दैनिक मामले भले ही राज्य में 50 से नीचे मिल रहे हैं, लेकिन अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि नियमों का पूर्ण पालन होगा, लेकिन जब तस्वीरें ऐसी आ रही हैं कि जब नेता, विधायक, अफसर सभी कार्यक्रमों में बगैर मास्क के दिख रहे हैं, तो क्या बच्चों से नियमों के प्रति गंभीरता की उम्मीद की जा सकती है।
ऐसे में स्कूलों में छात्र संख्या ना के बराबर है। इसे एक उदाहरण के रूप में इस तरह समजा जा सकता है कि सहस्त्रधारा रोड स्थित एक स्कूल में नवीं से लेकर 12वीं तक दो हजार से ज्यादा विद्यार्थी हैं। स्कूल खुलने के दौरान शुरुआत में दस से पंद्रह बच्चे ही पहुंचे। अब टेस्ट आदि शुरू हुए तो दो से तीन बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं। अधिकांश को आनलान के विकल्प के कारण घर से ही पढ़ाई सुविधानजक लग रही है। वहीं, अभिभाकों भी बच्चों को घर पर रखना सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अब आनलाइन में बच्चा क्या पढ़ रहा या सीख रहा है, ये सबको पता है।
अब 16 अगस्त से राज्य के समस्त जूनियर हाईस्कूलों खोले जा रहे हैं। इनमें सैनेटाइजर, मास्क आदि सरकार मुहैया कराएगी। इन स्कूलों की भोजनमाताओं के लिए एप्रेन, हेड कवर और दस्ताने भी दिए जाएंगे। छठी से आठवीं स्तर के 5234 स्कूलों में से 4156 के लिए सरकार ने विशेष कोविड बजट जारी किया।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने 16 अगस्त से स्कूल खोलने संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य में 16 से लेकर 25 तक की छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या स्कूल 961 हैं। वहीं, 26 से 50 छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या, 1076, 100 से 200 तक छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या 429, 201 से ज्यादा छात्र वाले स्कूलों की संख्या 141 है। इन स्कूलों को छात्र संख्या के अनुसार 400 से एक हजार रुपये की विशेष ग्रांट दी गई है। कोविड संक्रमण को देखते हुए विभाग पहले ही एसओपी जारी कर चुका है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।