Video: अब सांसद अजय भट्ट की भी फिसली जुबान, कहीं सीएम की सीढ़ी चढ़ने की ये योग्यता तो नहीं
उत्तराखंड में पहले पूर्व सीएम और वर्तमान सीएम अपने बयानों को लेकर चर्चा पर रहे। बार बार उनकी जुबान फिसलती रही। अब सांसद अजय भट्ट भी उन्हीं का अनुशरण करते नजर आए। ऐसा तो नहीं कि कहीं ये सीएम की सीढ़ी चढ़ने की योग्यता तय कर दी गई हो। उटपटांग बयान दो और सीएम बनने की लाइन में खड़े हो जाओ। क्योंकि अभी तक तो ऐसा ही नजर आ रहा है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जहां बोल गए थे कि कोरोना भी जीव है, उसे जीने का अधिकार है। वहीं, वर्तमान सीएम तीरथ सिंह रावत के बयान तो इतने हो चुके हैं, कि उनका जिक्र भी लंबा हो जाएगा। कभी वह अमेरिका का गुलाम भारत को बता चुके हैं। कभी उन्होंने पीएम मोदी की तुलना भगवान से कर दी। कभी वह महिलाओं की फटी जींस को लेकर खूब ट्रोल हुए। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद अजय भट्ट भी अपने बयान को लेकर ट्रोल होने लगे हैं।
सांसद अजय भट्ट ने 14 से 45 आयु वालों को आक्सीजन लगावाने की तसल्ली दे दी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। 14 से 45 वर्ष वालों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आने वाली है। 45 से ऊपर वालों को वैक्सीन लग रही है। मामला धीरे धीरे इंटरनेट मीडिया पर आग की तरह फैल गई है।
भाजपा नेता और सांसद अजय भट्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन पर्याप्त है। वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। उत्तराखंड में 14 से 45 वर्ष वालों के लिए आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। इतना बोलने पर भी उन्होंने वापस अपनी बात को ठीक नहीं किया। इधर तत्काल यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी गई। लोगों ने पूर्व में सीएम तीरथ सिंह रावत के पूर्व बयान, जिसमें उन्होंने 10 से 44 आयु वालों को आक्सीजन लगवाने की बात कही थी, उससे जोड़ते हुए खूब चुटकी ले रहे हैं। सब बस यही कह रहें हैं कि यह उत्तराखंड को किसकी नजर लग गई। हालांकि सीएम तीरथ सिंह रावत ने ऑक्सीजन बोलने के बाद गलती सुधारते हुए वैक्सीन बोल दिया था।
सांसद अजय भट्ट बीजेपी के कद्दावर नेताओं में एक गिने जाते हैं। नेतृत्व परिवर्तन के दौरान वह भी सीएम की लाइन में खड़े थे। गुरुवार को रुद्रपुर के मेडिकल कालेज का निरीक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित था। 12:45 पर प्रस्तावित कार्यक्रम होने पर थोड़ा विलंब करीब सवा बजे पहुंचे। पंडित स्व. राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कालेज में कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यहां पर भर्ती मरीजों की जानकारी ली। साथ ही व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखने के निर्देश देते हुए अपनी लय भी भूल बैठे। निरीक्षण के बाद जब पत्रकारों ने वैक्सीनेशन की गति धीमी होने पर और वैक्सीन की उपलब्धता कम होने की समस्या से निजात मिलने की जानकारी चाही, तो उनका जवाब सुनकर हर कोई हैरान रहा गया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।