अब भारत के इस राज्य में कॉर्पोरेट कार्यालयों में ड्यूटी के साथ परोसी जा सकती है शराब, जानिए क्या है नई शराब नीति
अभी तक हम अंग्रेजी फिल्मों में ही देखते थे कि आफिस में काम करते हुए लोग शराब की चुस्कियां भी लगाते हैं। ऐसा कलचर भारत में फिलहाल नहीं था। हालांकि, कई कंपनियां कभी कभार कर्मचारियों को होटल या कहीं दूसरे स्थानों पर पार्टी देती हैं, लेकिन कार्यालयों में शराब परोसने का फिलहाल कोई प्रचलन नहीं है। अब भारत के इस राज्य में भी ऐसा हो सकेगा कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को ऑफिस टाईम के दौरान शराब के सेवन की छूट दे दे। क्योंकि हरियाणा की शराब नीति तो यही कहती है। इसके तहत हरियाणा के गुरुग्राम या किसी अन्य इलाके के कॉर्पोरेट कार्यालयों में शराब परोसने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि, कॉर्पोरेट कार्यालयों में केवल कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय जैसे वाइन और बीयर ही परोसे जा सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खट्टर सरकार ने लिया फैसला
नई शराब नीति के तहत कॉरपोरेट दफ्तरों में कम से कम 2,000 वर्ग फुट का कैंटीन या भोजनालय होना जरूरी होगा। हरियाणा कैबिनेट ने नई आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी दी थी, जिसके तहत खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है और सरकार का लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण कोष के लिए 400 करोड़ रुपये जुटाना है। देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। सरकार ने कहा कि उसका लक्ष्य पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए 400 करोड़ रुपये एकत्र करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
12 जून से लागू हो जाएगी नई नीति
आबकारी नीति 2023-24 12 जून से लागू होगी। नई नीति के लागू होने के बाद न सिर्फ बीयर-वाइन सस्ती होंगी, बल्कि रेस्टोरेंट, पब व कैफे के लिए बार लाइसेंस लेना भी सस्ता हो जाएगा। सरकार ने इनके लिए लाइसेंस के शुल्क को कम किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरियाणा की नई शराब नीति
-नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। बयान में कहा गया है कि वृद्धि का उद्देश्य उत्पाद शुल्क राजस्व को बढ़ावा देना है।
-नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए जिला स्तर पर आईएफएल (बीआईओ) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही, एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छोटी (क्राफ्ट) ब्रुअरीज की लाइसेंस फीस कम कर दी गई है।
-राज्य में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिए वाइनरी के पर्यवेक्षी शुल्क को कम कर दिया गया है। बयान में कहा गया है कि यह निर्णय लिया गया है कि पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आसपास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों और उन गांवों में जहां ‘गुरुकुल’ चल रहे हैं, शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे।
-अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए, रेडी-टू-ड्रिंक पेय पदार्थों और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड श्रेणियों के तहत उत्पाद शुल्क घटा दिया गया है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।