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March 12, 2025

एक नवंबर की छुट्टी घोषित, दिवाली मनाई जाएगी 31 अक्टूबर को, जानिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, दिवाली संग जुड़े त्योहार के बारे में

हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष में दीपावली का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने प्रभु राम का स्वागत दीपक जलाकर किया था। इस शुभ अवसर पर राम परिवार के संग मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को रोशनी के इस त्योहार का कई दिनों से इंतजार रहता है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। शॉपिंग करते हैं। दीपावली के दिन पटाखे जलाते हैं। लक्ष्मी मां और गणेश भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। दिवाली के दौरान कुल पांच त्योहार मनाए जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दीपावली की तिथि को लेकर असमंजस
इस बार दिवाली 2024 की डेट को लेकर लोगों में असमंसज की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जिसकी वजह से लोग बेहद कन्फ्यूज हो रहे हैं कि दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा या फिर एक नवंबर को। हालांकि, विभिन्न कार्योलयों और स्कूलों में एक नवंबर को दिवाली का अवकाश घोषित किया गया है। वहीं, अब कहा जा रहा है कि 31 अक्टूबर के दिन ही ये पर्व मनाना उचित है। ऐसे में कई कंपनियों ने तो 31 अक्टूबर के दिन दिवाली अवकाश घोषित कर दिया है। हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि इस बार दिवाली किस दिन मनाई जा सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली
दिवाली कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 31अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन पड़ रही है। इसी कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार अमावस्या की तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 2:40 मिनट से से शुरू हो जाएगी, जो 1 नवंबर को शाम 4:42 मिनट तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। ऐसे में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। 31 अक्तूबर को लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में ही प्राप्त हो रहा है। 31 अक्तूबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न (दिल्ली के समयानुसार) शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात को 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। ऐसे में गृहस्थ लोग इस समय के दौरान लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्थिर लग्न और प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
मां लक्ष्मी का प्रादुर्भाव प्रदोष काल में हुआ था और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजन करने से महालक्ष्मी स्थिर रहती हैं। ऐसे में दिवाली पर प्रदोष काल में पड़ने वाले वृषभ लग्न में ही महालक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना अति उत्तम रहेगा। पंचांग के अनुसार 31 अक्तूबर को वृषभ लग्न शाम को 6:25 से लेकर रात्रि 8:20 तक रहेगा। साथ ही इस समय प्रदोष काल भी मिल जाएगा। प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और चौघड़ियां का ध्यान रखते हुए लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्तूबर की शाम को 06:25 से लेकर 7:13 के बीच का समय सर्वोत्तम रहेगा। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिवाली उत्सव के दौरान मनाए जाने वाले पर्व
-धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
-छोटी दिवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
-दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
-गोवर्धन पूजा 02 नवंबर को है।
-भाई दूज का त्योहार 03 नवंबर को मनाया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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