रॉबर्ट वाड्रा नहीं, राहुल को लड़ना होगा अमेठी से चुनाव, नहीं लड़े तो समझो डरे, कांग्रेस की बची खुची साख पर भी लगेगा बट्टा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर अपने भाषणों में कहते हैं डरो मत। इस बात पर खरा उतरने के लिए अब उन्हें ही परीक्षा देनी पड़ेगी। कारण ये है कि उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के कब्जे में रही दो लोकसभा सीटों में अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा था। वह वायनाड से जीत गए थे, लेकिन अमेठी से स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे। वहीं, रायबरेली की भी परंपरागत सीट से सोनिया गांधी जीत गई थी। अब सोनिया गांधी ने राज्यसभा की ओर रुख कर लिया। ऐसे में सवाल ये है कि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा, या फिर इन सीटों को आसानी से बीजेपी की झोली में डाल दिया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऐसों की संख्या ज्यादा है, जिनका मत है कि अमेठी से खुद राहुल गांधी को चुनाव लड़ना चाहिए। तभी पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा। नहीं हो बीजेपी ऐसा प्रचार कर देगी कि राहुल गांधी हार के डर से अमेठी के मैदान से भाग खड़े हुए। फिर चाहे भारत जोड़ो यात्रा हो या फिर भारत जोड़ो न्याय यात्रा, इन सबका मतलब भी समाप्त हो जाएगा। वहीं, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूपी से होकर गुजरता है केंद्र की सत्ता का रास्ता
ये बात भी जगजाहिर है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यानि जो भी पार्टी उत्तर प्रदेश में कब्जा जमाती है, उनकी ही देश की राजधानी में सरकार बनती है। यही कारण है कि सभी पार्टियों का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों पर है। यूपी की 80 सीटों में से कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि अभी तक अमेठी और रायबरेली सीट पर किसी भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। यूपी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि दोनों ही सीटों से गांधी परिवार के ही किसी सदस्य को चुनाव लड़ना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने पर बैकफुट पर आई कांग्रेस
इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने में देरी ने कांग्रेस को पहले ही बैकफुट पर धकेल दिया है। हालाँकि, पार्टी अभी भी स्थिति को बचा सकती है अगर वह गांधी भाई-बहनों – राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा को अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार घोषित कर दे। यदि वे आगामी चुनाव पर छाप छोड़ने का इरादा रखते हैं तो उन्हें बस खुद को लाइन में लगाना होगा। राजनीति में हारजीत तो लगी होती है। यदि गांधी परिवार खुद को सेफ सीट से चुनाव लड़ाएगा तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह भी कम हो जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रॉबर्ड वाड्रा ने जताई अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा
सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने एक बार फिर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वाड्रा ने कहा है कि लोग चाहते हैं कि वह अमेठी से चुनाव लड़ें। वाड्रा ने उत्तर प्रदेश की अमेठी से चुनाव लड़ने की बात कही है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी ने कोई काम नहीं किया। अमेठी के लोग चाहते हैं कि वह (वाड्रा) आगे आएं और कमान संभालें। क्योंकि यहां उन्होंने अपना राजनीतिक काम साल 1999 से ही शुरू कर दिया है। वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता चाहते हैं कि अगर वह राजनीति में उतरना चाहते हैं तो अमेठी से चुनाव लड़ें। हालांकि, कांग्रेस की ओर से अभी इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। इसके अलावा अमेठी और रायबरेली जैसी गांधी परिवार का गढ़ कही जाने वाली सीटों पर कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया है। सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती हैं। राहुल गांधी ने वायनाड से तो नामांकन कर दिया है लेकिन अमेठी से वह लड़ेंगे या नहीं, इस पर कोई संकेत अभी तक नहीं दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यदि राहुल नहीं लड़ते चुनाव तो जाएगा गलत संदेश
यदि गांधी भाई-बहन चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करते हैं, तो इन निर्वाचन क्षेत्रों में परिणाम का कोई मतलब नहीं होगा। यदि वे नहीं लड़ते तो ये ही संदेश जाएगा कि वे डर गए हैं। खासकर राहुल गांधी पिछली हार से ही घबरा गए हैं। ऐसे में वे पहले ही बिना किसी झड़प के अपने किले भाजपा को सौंप चुके होंगे। यह एक बड़ी नैतिक हार होगी। यह एक ऐतिहासिक भूल है, जिसे बदलने में समय लग सकता है यदि भाजपा दोनों सीटें जीतती है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि रॉबर्ट वाड्रा को अमेठी से टिकट दिया गयो तो भी कांग्रेस की फजीहत तय है। कारण ये है कि बीजेपी पहले से ही प्रचार कर रही है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर रहे हैं। ऐसे में उन्हें सेनापति की तरह खुद मोर्चे पर आगे आना होगा। नहीं तो कांग्रेस को लंबे समय तक के लिए पछताना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की आज फिर से बैठक होगी। बैठक में दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगेगी। बताया जा रहा है कि आज पहली बार केंद्रीय चुनाव समिति सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने प्रस्ताव रख सकती है कि अमेठी और रायबरेली सीट से गांधी परिवार चुनाव लड़े। बता दें कि उत्तर प्रदेश चुनाव समिति, स्क्रीनिंग कमेटी और रायबरेली-अमेठी की जिला कमेटी इस संबंध में पहले ही अपना प्रस्ताव दे चुकी है। अब पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से लेकर पार्टी की टॉप लीडरशिप गांधी परिवार पर दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर रायबरेली और अमेठी सीट से गांधी परिवार के किसी सदस्य ने चुनाव नहीं लड़ा तो उत्तर भारत में पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमेठी और रायबरेली में 5वें चरण में होंगे चुनाव
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में मतदान होना है। यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर 5वें चरण में 20 मई को मतदान होंगे। पांचवें चरण में 14 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन 14 सीटों में रायबरेली, अमेठी, लखनऊ, फैजाबाद, मोहनलालगंज, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, कैसरगंज, गोंडा और बाराबंकी प्रमुख रूप से शामिल हैं। 5वें चरण के लिए 26 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे, जबकि 3 मई तक नोमिनेशन दाखिल किए जा सकेंगे। 4 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी। वहीं, 6 मई को नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख है। सभी सीटों के लिए चुनाव परिणाम एक साथ 4 जून को आएंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।