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June 19, 2025

भारत की सीमा में नहीं बसा है चीन का कोई गांव, घुसपैठ पर ये बोले सीडीएस जनरल बिपिन रावत

भारत चीन सीमा विवाद को लेकर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सीमा के भीतर दूसरे देश के लोग नहीं बसे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पता है हमारी सरहद कहां तक है।

भारत चीन सीमा विवाद को लेकर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सीमा के भीतर दूसरे देश के लोग नहीं बसे हैं। उन्होंने कहा कि हमें पता है हमारी सरहद कहां तक है। हमने अपनी सरहदों की देखभाल अच्छे तरीके से की हुई है। हमने यहां किसी को बसने नहीं दिया है। उत्तराखंड के बाराहोती में चीनी घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि चीन जहां तक अपनी सरहद समझता है वहां तक आता है। इसकी रिपोर्ट भी बाहर आ जाती है। हमारी सेना भी बाराहोती में जहां तक अपनी सरहद समझती है, वहां तक जाती है। हालांकि, इसकी कोई रिपोर्ट बाहर नहीं आती।
सीडीएस जनरल रावत मंगलवार को उत्तराखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित स्वल्पाहार कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के भीतर चीनी गांव बसने के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि क्या अमेरिका को पता है कि भारत की सरहद कहां तक है। क्या चीन को पता है कि भारत की सरहद कहां है। हमें पता है कि हमारी सरहद कहां तक है। हमने अपनी सीमा में किसी को बसने नहीं दिया है।
उन्होंने उत्तराखंड में नए सेना भर्ती केंद्र खोलने की संभावनाओं पर साफ किया कि। कहा कि यहां पहले से ही पांच भर्ती केंद्र खुले हुए हैं। इनमें चार पर्वतीय क्षेत्रों में और एक मैदानी क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने को पर्वतीय क्षेत्रों में भर्ती केंद्र बनाए गए हैं। जनरल रावत ने सीमांत क्षेत्रों में पलायन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत कर पलायन रोका जा सकता है।
उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में हेलीपैड और एडवांस लैंडिंग पैड खोलने की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि इससे न केवल पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को आपात स्थिति में सहायता मिलेगी बल्कि पर्यटकों की भी आमद होगी। इस पर विशेष फोकस रखना होगा। उन्होंने राज्यवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में उन्नति और विकास हो रहा है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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